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इंसाफ के देव चंपावत के गोल्ज्यू दरबार से शुरू होगी यात्रा
सप्त संकल्प को लेकर लोगों को जगाएंगे
देवभूमि टुडे
चंपावत। पहाड़ को जगाने के लिए पहाड़ी आर्मी 26 फरवरी से उत्तराखंड की यात्रा शुरू करेगी। पहाड़ी हिंदू सशक्तिकरण अभियान के तहत पहाड़ बचाओ यात्रा का प्रथम चरण (कुमाऊं मंडल) 26 फरवरी को चंपावत से शुरू होगा। पहाड़ी आर्मी उत्तराखंड के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में पहाड़ी समाज का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब पहाड़ को जगाने के लिए बचाने के लिए यह यात्रा जरूरी है। यात्रा का शुभारंभ इंसाफ के दरबार श्री गोल्ज्यू मंदिर चंपावत से सप्त संकल्प के साथ होगा।
संस्था ने बताया कि 7 दिनी यह यात्रा 7 संकल्पों के साथ होगी। 26 को चंपावत और लोहाघाट, 27 व 28 फरवरी को पिथौरागढ़ और 1 मार्च को मुवानी, थल, कांडा होते हुए बागेश्वर पहुंचेगी। 2 मार्च को गरूड़, कौसानी, सोमेश्वर होते हुए सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा, 3 मार्च को द्वाराहाट, चौखुटिया, मासी, भिक्यासैंण, भतरौजखान और 4 मार्च को नैनीताल, भवाली, भीमताल होते हुए हल्द्वानी यात्रा पहुंचेगी ।
अभियान के संयोजक विनोद शाही ने कहा कि पृथक पहाड़ी राज्य उत्तराखंड बनने के 25 वर्षों के बाद भी राजनेताओं और सरकारों की अनदेखी के कारण उत्तराखंड की हमारी विशिष्ट पहाड़ी हिंदू संस्कृति के वाहक इस पर्वतीय समाज का सशक्तिकरण नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि हमारे पहाड़ी हिंदू समाज के परिवारों एवं लड़के-लड़कियों को हर प्रकार से जागृत कर सुरक्षित एवं सशक्त करने का काम संगठन करेगा।
इस अभियान के जरिए पहाड़ी हिंदू समाज के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक विषयों पर कार्य करते व्यक्ति एवं संगठनों से संपर्क किया गया है। जिनका अभियान को बड़े स्तर का समर्थन मिल रहा यात्रा भव्य और दिव्य होने जा रही है। पहाड़ी आर्मी ने उत्तराखंड के सुंदर, सुरक्षित, सांस्कृतिक भविष्य के लिए सभी से आगे आने की अपील की है।
यात्रा के मुख्य बिंदु:
1.पहाड़ी हिंदू समाज की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित करेंगे।
2.आर्थिक अवसरों पर बाहरियों का कब्जा हटाकर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को प्रथम अधिकार दिलाना।
3.उत्तराखंड में NRC, भू-कानून, मूल निवास, गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिलाना।
4.उत्तराखंडी भाषा और त्योहारों को सरकारी मान्यता दिला कर रहेंगे।
5.उत्तराचांड की नदियों, जंगलों और पर्यावरण का अनैतिक एवं अवैध दोहन रोकेंगे।
6.पहाड़ी क्षेत्र की अनदेखी कतई नहीं होने देंगे।
7.उत्तराखंड के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। नशे से पहाड़ को बचाएंगे।
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