
गीता श्लोक में बेटी संस्कृति, तो रघुवंश महाकाव्य श्लोक उच्चारण में शिक्षक पिता सामश्रवा आर्य रहे प्रथम
देवभूमि टुडे
चंपावत/देहरादून। डॉ. वाचस्पति मैठाणी स्मृति मंच देहरादून द्वारा अखिल भारतीय ऑनलाइन संस्कृत प्रतियोगिता में चंपावत के पिता-पुत्री ने दो अलग-अलग प्रतियोगिताओं में पहला स्थान हासिल किया। विजेताओं को 28 अगस्त को आयोजित विशेष सम्मान समारोह देहरादून में सम्मानित किया जाएगा।
देवभाषा संस्कृत के उत्थान, संरक्षण व संवर्द्धन के साथ ही उसके व्यावहारिक प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित गीता श्लोक, रघुवंश महाकाव्य श्लोक उच्चारण, स्तोत्र गान व संस्कृत नृत्य प्रतियोगिताओं में अन्य देशों के भी प्रतिभागी रहे। चंपावत उदयन स्कूल की कक्षा छह की छात्रा संस्कृति ने गीता श्लोक में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं उनके पिता नशा हटाओ-जीवन बचाओ के संयोजक एवं GIC सिप्टी के संस्कृत प्रवक्ता सामश्रवा आर्य ने भी 25 से 50 वर्ष आयु वर्ग में रघुवंश महाकाव्य श्लोक उच्चारण के विजेता रहे। पिछले वर्ष भी बेटी प्रथम व पिता देशभक्ति गीत में चौथे स्थान पर रहे। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. वाजश्रवा आर्य ने बताया कि जिस प्रकार मन और समाज की शुद्धि के लिए संस्कृत का बोलना आवश्यक है, उसी तरह स्मृति मंच की यह प्रतियोगिता सोशल मीडिया की शुद्धि का भी एक जरिया है। सोशल मीडिया पर 11 लाख से अधिक संस्कृत प्रेमियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पिता-पुत्री दोनों की इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय संयोजक कैलाशपति मैठाणी, आयोजन के संरक्षक पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, निदेशक आनंद भारद्वाज, उप निदेशक पद्माकर मिश्र, डॉ. सुशील त्यागी, डॉ. विजय कुमार त्यागी, डॉ. संजय त्यागी, प्रो. मुकेश कुमार, प्राचार्य डॉ. विनय विद्यालंकार, डॉ. हरीश गुर्रानी, किशोरी लाल रतूड़ी, जगदंबा प्रसाद चमोली, आनंदमणि सेमवाल, डॉ. मनुश्रवा आर्य, प्रो. अतुल कुमार मिश्र तथा मुख्य शिक्षाधिकारी एमएस बिष्ट, जिला शिक्षाधिकारी जंगपांगी व खंड शिक्षाधिका राधेश्याम खर्कवाल, डॉ. बीसी जोशी, राजेंद्र गहतोड़ी, प्रधानाचार्य अशोक शर्मा, साहित्यकार प्रकाश जोशी शूल आदि ने बधाई दी है।

