बिनवालगांव-कलियाधूरा सड़क की अनेकों बार आवाज उठाते चुके हैं ग्रामीण
अगस्त 2021 में सीएम ने किया था ऐलान लेकिन वन अनापत्ति दूर नहीं होने से अभी शुरू नहीं हो सका काम
देवभूमि टुडे
चंपावत/गोलडांडा। मॉडल जिले चंपावत के दूरस्थ गांव के लोग बिनवालगांव-कलियाधुरा सड़क नहीं बनने से परेशान हैं। लगातार अनसुनी से उकता चुके ग्रामीणों ने ऐन लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं- का ऐलान किया है। 15 मार्च को ग्राम प्रधान मीनाक्षी देवी की अध्यक्षता में ग्रामीणों ने गांव में बैठक में ये निर्णय लिया। बाद में ग्रामीणों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। सड़क नहीं होने से इस क्षेत्र के 11 गांवों के लोगों को न केवल पैदल दूरी लांघनी पड़ती है, बल्कि यहां के गांवों तकं पहुंचने वाली खाद्यान्न सामग्री से लेकर तमाम वस्तुओं की कीमत में भी 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक वृद्धि हो रही है।
ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी पाटी क्षेत्र के बल्कि गोलडांडा, तोलारौकुड़ी, खेतिया, घडयूड़ा, पलाड़ा, शिपटाडा, सेला, मल्लातोला, कैडाईजर, बोलना और कलियाधुरा गांवों के लोगों को पिछड़ेपन की जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसी भी सरकार ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं बनने की वजह से वे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने कहा कि इस बार न तो नेताओं नहीं प्रशासन के बहकावे में आएंगे। इस बार पूर्ण रूप से लोकसभा चुनाव व प्रत्याशियों का बहिष्कार किया जाएगा।
पाटी ब्लॉक के बिनवालगांव से कलियाधुरा की 16 किलोमीटर लंबी सड़क का ऐलान 16 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। लेकिन अब तक इस सड़क में काम शुरू नहीं हो सका है। सड़क की कमी से यहां के गांवों में पलायन बढऩे के साथ यहां रह रहे लोगों की मुसीबत बढ़ रही है। सड़क की कटिंग में 8.721 हेक्टेयर वन क्षेत्र आड़े आ रहा है। लोनिवि का कहना है कि वन अनापत्ति नहीं मिलने से सड़क की कटिंग शुरू नहीं हो सकी है। वन अनापत्ति दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।