

लोहाघाट के SDM ने जनसुनवाई के बाद दिया आदेश
लोहाघाट GIC मैदान में 25 मई से 13 जून तक लगनी थी हथकरघा, हस्तशिल्प एवं मनोरंजन प्रदर्शनी
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट के जीआईसी मैदान में प्रस्तावित मेले (हथकरघा, हस्तशिल्प एवं मनोरंजन प्रदर्शनी) को प्रशासन की हरी झंडी नहीं मिली है। 20 दिनी यह मेला 25 मई से 13 जून तक होना था। लोहाघाट के SDM ने जन सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया। ये जन सुनवाई जिला अदालत द्वारा 29 मई को पारित आदेश के क्रम में हुई थी। SDM नीतू डांगर ने 31 मई की शाम को दिए आदेश में कहा कि व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाभ की दृष्टि से प्रस्तावित की गई प्रदर्शनी के लिए सुरक्षा संसाधनों का उपयोग व्यापक जन हित में नहीं है। सभी पक्षों और तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए SDM ने 22 मई के अपने आदेश को यथावत रखते हुए प्रदर्शनी को इजाजत देने से इनकार कर दिया।
इससे पूर्व शनिवार को गहमागहमी के बीच घंटों चली जन सुनवाई में प्रदर्शनी के आयोजक, ग्राम पंचायत पाटन पाटनी प्रशासक, जन प्रतिनिधियों, व्यापार मंडल, खिलाड़ियों सहित अन्य कई पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। प्रदर्शनी पर एतराज जताने वालों ने मेले से स्थानीय लोगों व व्यापारियों को कोई लाभ नहीं होने, चीन निर्मित सामग्री की बिक्री का अंदेशा, खेल मैदान में खेल गतिविधियों पर असर, भर्ती पूर्व प्रशिक्षण बाधित होने का अंदेशा, पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव, प्रदर्शनी से मानसून के दृष्टिगत वैकल्पिक हेलीपैड स्थल में अड़चन सहित कई दलीले दी गई।
जबकि प्रदर्शनी के आवेदक/निगरानीकर्त्ता ने कहा कि प्रशासन ने पूर्व में मेला/ प्रदर्शनी लगाए जाने की अनुमति दी थी। इजाजत मिलने के बाद मेले का सामान भी लाया गया लेकिन अब अनुमति नहीं मिलने पर काफी आर्थिक क्षति का अंदेशा जताया। निगरानीकर्त्ता के वकील यतीश जोशी ने कहा कि निगरानीकर्त्ता मेले का आयोजक नहीं है, वह सिर्फ फेसिलेटर है। मेले का आयोजन ग्राम पंचायत कर रही है और ऐसा करना पंचायत के क्षेत्राधिकार में आता है। मेले का विरोध करने वाले पंचायत के अधिकारों में अतिक्रमण कर रहे हैं। जन सुनवाई और पुलिस व तहसील प्रशासन की राय के बाद SDM ने प्रदर्शनी को लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।



