NH बिन बारिश बिन मलबा 45 मिनट बंद…हायड्रा क्रेन निकालने के लिए बंधक बना दिया, एंबुलेंस भी फंसी

इस साल 23 अगस्त को एनएच पर चल्थी के पास खाई में गिरा था हायड्रा, सड़क के दोनों तरफ लगा वाहनों का लंबा काफिला
देवभूमि टुडे
चंपावत/चल्थी। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग आज 11 अक्टूबर को बिना बारिश और बिना मलबा आए दिन के वक्त करीब पौन घंटे (45 मिनट) तक बंद रहा। ये नौबत आई खाई में डेढ़ माह पूर्व लुढ़के हायड्रा क्रेन को निकालने के लिए लगाई गई क्रेन की वजह से। वाहनों का लंबा जाम लगा और इसमें फंसने वालों में एक एंबुलेंस भी थी। इससे लोगों को दुश्वारी झेलनी पड़ी। बहरहाल हायड्रा को खाई से निकाले जाने के बाद वाहनों का आवागमन सुचारू हो सका।
इस साल 23 अगस्त को एनएच पर चल्थी के पास एक हायड्रा सड़क से लुढ़क गई थी। तब दुर्घटना में हायड्रा के ऑपरेटर बिहार के हाजीपुर के विजय पासवान (40) की मौत हो गई थी। तबसे यह वाहन खाई में पड़ा था। हायड्रा को निकालने के लिए आज 11 अक्टूबर की मध्यान्ह करीब 12 बजे क्रेन आई। लेकिन हायड्रा को निकालने में आई अड़चन से करीब पौन घंटा लग गया। सड़क के दोनों तरफ वाहनों का लंबा काफिला लग गया। फंसे वाहनों में एक एंबुलेंस भी थी। फंसे यात्रियों की इस दौरान नोकझोक भी हुई। फंसे वाहनों के चालक और यात्रियों का कहना था कि स्वांला के डेंजर प्वाइंट की वजह से वैसे ही सड़क बड़े वाहनों के लिए महज 8 घंटे और हल्के वाहनों के लिए अधिकतम 11 घंटे खुल रही है, ऐसे में एनएच में ये अवरोध लोगों के लिए और भी ज्यादा तकलीफदेह है। उनका कहना है कि इस काम को सड़क के आवाजाही के लिए बंद होने के दौरान करना चाहिए था।
वहीं लोनिवि के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोहाघाट के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार का कहना है कि आमतौर पर खाई से वाहनों को निकालने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन हालात को देखते हुए क्रेन संचालक को एनएच खंड को सूचित करना चाहिए था। ताकि सड़क में अवरोध आने से बचाने के लिए उपाय किए जा सकते थे।

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