


लोहाघाट विकास संघर्ष समिति की मांग
देवभूमि टुड
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट विकास संघर्ष समिति ने लोहाघाट नगर की भूमि को फ्रीहोल्ड करने की मांग की है। इसे लेकर समिति ने 16 अप्रैल को डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
कतिपय लोगों द्वारा अदालत में याचिका दायर किए जाने से नजूल भूमि के फ्रीहोल्ड होने के मामले का निदान नहीं हो पा रहा है। याचिकाकर्ताओं का अनुरोध है कि याचिकाकर्ताओं के एक शिष्टमंडल से शासन स्तर पर सकारात्मक वार्ता होने पर वादकर्ता अपनी दाना वापस ले लेंगे, ताकि समस्या का हल हो सके। समिति के अध्यक्ष विपिन गोरखा और सचिव विपिन गोर्खा के हस्ताक्षर से दिए गए ज्ञापन में इस समस्या के समाधान का आग्रह किया गया है। ज्ञापन देने वालों में शैलेंद्र राय, डीडी पांडे, प्रहलाद सिंह मेहता, रंजीत अधिकारी, राजकिशोर शाह, संजय पांडे, रमेश बिष्ट, गोपाल कनौजिया अजय गोरखा शामिल थे। डीएम नवनीत पांडे का कहना है कि नजूल भूमि के विवाद के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
फ्रीहोल्ड नहीं होने से हो रहे हैं कई नुकसान:
नजूल भूमि के फ्रीहोल्ड नहीं होने से लोहाघाट के लोग मालिकाना हक से वंचित है। इसके चलते उन्हेें जमीन के आधार पर न तो सरकारी वित्तीय संस्थाओं से कर्ज मिल पाता है और नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता है। वर्ष 2009 और 2011 में नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने का प्रदेश शासन ने आदेश दिया था। जिसमें लोगों को जमीन की कीमत की 25 फीसदी राशि राजस्व विभाग में जमा करानी थी। इसके तहत मार्च 20112 तक लोहाघाट नगर क्षेत्र के 1499 लोगों ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए पत्रावलियां जमा करने के साथ 3.75 करोड़ रुपये जमा कराए थे। लेकिन कुछ लोगों की ओर से याचिका लगाने से तबसे यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।



