कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति अल्मोड़ा के तत्वावधान में होगा सम्मेलन
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. भुवन चंद्र जोशी मुख्य संयोजक बनाए गए
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत में पहला राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। आयोजन को लेकर कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समित अल्मोड़ा की 15 सितंंबर को चंपावत के विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी के होटल में हुई बैठक में तय किया गया कि तीन दिनी कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन 10 नवंबर से चंपावत में होगा। राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन में देशभर के कुमाऊं के विद्वान शिरकत करेंगे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी न्यौता दिया जाएगा।
अल्मोड़ा के कुमाऊंनी पत्रिका पहरू के संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ने कहा कि कुमाऊंनी भाषा हमारी पहचान है। यह हमें अपनी संस्कृति से जोड़ती है। कुमाऊं भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार और संरक्षण के लिए चंपावत के साहित्यकारों और समाजसेवियों को साथ लेकर चंपावत में राष्ट्रीय कुमाऊं भाषा सम्मेलन के आयोजन दिशा में एक कदम बढ़ाने पर मंथन हुआ। कुमाऊंनी भाषा, साहित्य, संस्कृति प्रचार समिति निस्वार्थ भाव से और जन सहयोग से कुमाऊंनी के प्रचार प्रसार के लिए बीते 16 वर्षों से काम कर रही पहरु पत्रिका का डॉ. हयात सिंह रावत संपादन कर रहे हैं। समिति की प्रेरणा से अब तक कुमाऊं भाषा के 15 सम्मेलन हो चुके हैं। अब 16वां सम्मेलन चंपावत में होगा। वक्ताओं ने चंपावत में राष्ट्रीय कुमाऊं भाषा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. भुवन चंद्र जोशी को मुख्य संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है।
वरिष्ठ साहित्यकार सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. तिलकराज जोशी की अध्यक्षता और डॉ. सतीश चंद्र पांडेय के संचालन में हुए कार्यक्रम में डॉ. कमलेश सक्टा, डॉ. सुमन पांडेय, प्रकाश चंद्र जोशी शूल, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अमरनाथ वर्मा, नवीन चंद्र मुरारी, हिमांशु जोशी, डॉ. सतीश चंद्र पांडेय, नवीन पंत, भूपेंद्र सिंह देव ताऊ, डॉ. डीएन तिवारी, गिरीश चंद्र पंत, कमला देवी, दीपा पांडेय, सोनिया आर्या, बबीता जोशी, ललित मोहन, हेम जुकरिया, गीता तिवारी, सुभाष चंद्र जोशी, आनंद मुरारी, त्रिभुवन उपाध्याय आदि ने सुझाव दिया।