8 सितंबर को पहले दिन किया वेदी निर्माण, सोमवार को निकलेगी झांकी
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत में 7 दिनी नंदा सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। महोत्सव के पहले दिन रविवार को देव डांगरों ने स्नान किया। इसके बाद यहां वेदी निर्माण किया गया। सोमवार को स्कूली बच्चे झांकी निकालेंगे।
चंपावत में 8 सितंबर को मां नंदा सुनंदा महोत्सव का विधिवत श्रीणेश हुआ। यहां तड़के देव डांगरों ने बालेश्वर नौले में पवित्र स्नान किया। शाम को पुरोहित दीपक कुलेठा, गिरीश कलौनी और विनोद पांडेय ने वेदी निर्माण किया। नंदा सुनंदा महोत्सव समिति के अध्यक्ष एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय ने बताया कि सोमवार को स्कूली बच्चों की झांकी निकाली जाएगी। झांकी निकालने से पूर्व गणेश पूजन, मातृका, नवग्रह, चौसठ योगिनी और क्षेत्रपाल पूजन किया जाएगा। 10 सितंबर को मंडल पूजन, शिव पूजन, हनुमान पूजन होगा। शाम को कदली वृक्ष को आमंत्रण दिया जाएगा। 11 सितंबर को तड़के पांच बजे कदली वृक्ष आगमन, नंदा सुनंदा की मूर्ति की प्रतिष्ठा और रात 12 बजे तंत्रोक्त पूजन होगा। 12 सितंबर को नंदा सुनंदा का विशेष पूजन होगा व कन्या पूजन होगा। 13 सितंबर को डोला यात्रा निकलेगी। जबकि 14 सितंबर को भंडारे के साथ महोत्सव का समापन होगा।
17 साल पूर्व हुई थी मेले की शुरुआत:
2010 में प्रकाशित हुई थी स्मारिका
चंपावत। चंद राजाओं की लंबे समय तक राजधानी रही चंपावत में नंदा सुनंदा मेला 2007 से शुरू हुआ। त्रिमूर्ति की पहल पर मां नंदा सुनंदा महोत्सव का आयोजन शुरू हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चंद्र पांडेय बताते हैं कि चंपावत के बालेश्वर महादेव मंदिर में इस पर्व की पहल को चंपावत के पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिवंगत नारायण लाल साह ने पूर्व सभासद स्वर्गीय प्रदीप साह और वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पांडेय से मंत्रणा की। बाद में तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ कलश और डोला यात्रा की नींव पडी। इस दौरान कदली वृक्ष आमंत्रण, आगमन और डोलायात्रा में देव डंगरिए स्वर्गीय लक्ष्मण चौधरी, स्वर्गीय किशोरी लाल साह, स्वर्गीय भैरव पटवा तथा हरीश पांडेय, देवी लाल वर्मा, विवेकानंद बिष्ट, हरीश वर्मा, विमल साह, प्रकाश पटवा, प्रेमा साह, मोहिनी साह, प्रेमा वर्मा, शांति पटवा, हरिप्रिया पटवा, मुन्नी पटवा का आशीर्वाद बना रहा। शुरुआती सालों में वैदिक अनुष्ठान, तंत्रोक्त पूजा और कलश यात्रा में चंद वंशीय केसी बाबा के परिजनों ने भी भागेदारी निभाई। पुरोहित पंडित स्वर्गीय भुवन कुलेठा, खीमानंद जोशी, दीपक कुलेठा, गिरीश कलौनी ने आयोजन के सहभागी बने। तब चंपावत में पशु चिकित्सक रहे हरीश जोशी और उनकी धर्मपत्नी हेमा जोशी ने मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण में सहयोग दिया। वर्ष 2008 में इसकी कमान पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष त्रिभुवन गिरी को मिली। उनके निधन के बाद अब अध्यक्ष का पद एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय के पास है। पत्रकार दिनेश पांडेय के संपादन में 2010 में पहली स्मारिका छपी। पत्रिका में पत्रकार योगेश जोशी, पूर्व नामित सभासद व सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश पांडेय, नीरज पुजारी, गौरव वर्मा, रितेश राय, राज्य आंदोलनकारी स्वर्गीय दीपक लारा सहित कई लोगों ने सहयोग किया।
FOUNDER COMMITTEE में शामिल थे ये लोग:
नंदा सुनंदा मेले के लिए 2007 में गठित कमेटी में नारायण साह, पूर्व ब्लॉक प्रमख बहादुर सिंह फर्त्याल, भेषज संघ के अध्यक्ष रहे सज्जन वर्मा, भेषज संघ के संस्थापक अध्यक्ष हरगोविंद वर्मा, स्वर्गीय त्रिभुवन गिरी, डीडी जोशी, देवी लाल वर्मा, पत्रकार दिनेश पांडेय, लक्ष्मण तड़ागी, ईश्वरीय दत्त कोटिया, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य इंद्र सिंह बोहरा, राज्य आंदोलनकारी बसंत तड़ागी, दीपक तड़ागी लारा, बद्री लाल वर्मा, यूनिवर्सल इंटर कॉलेज के प्रबंधक डॉ. श्याम कार्की, वरिष्ठ भाजपा नेता एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय, प्रकाश पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र गहतोड़ी, कौशल साह, प्रदीप साह, भैरव गिरी, किशन गिरी, विकास साह, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा, मुक्तेश वर्मा, नरेश जोशी, विमल साह, सचिन वर्मा, हेमंत वर्मा, विक्की चौधरी, राकेश बिष्ट, नितिन साह, रितेश राय, दीपक तडागी, मुन्ना राय, सौरभ साह, मोहित पचौली, अमित वर्मा, प्रदीप बोहरा, चंदन अधिकारी, मुकेश वर्मा, वीएन उपाध्याय, अशोक वर्मा आदि शामिल थे।