बेटी को दो तुम वह अधिकार जिसे करें सारा जग स्वीकार…

चंपावत में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चेतना मंच की मासिक काव्य गोष्ठी
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत के श्री कुर्मांचल एंग्लो संस्कृत विद्यालय में दिसंबर माह में हुई मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने जीवन, प्रेम और युवाओं को प्रेरित करने वाली कविताओं की प्रस्तुति दी। लोहाघाट राजकीय महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कमलेश शक्टा की अध्यक्षता और डॉ. सतीश चंद्र पांडेय के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत प्रधानाचार्य डॉ. भुवन चंद्र जोशी ने कहा कि- स्नेह, प्रेम, संवेदन यह सब तार-तार अब दिखते हैं, आओ अंतःस्थल की बातें, कागज पर कुछ लिखते हैं। राज्य आंदोलनकारी व कवि भूपेंद्र देव ताऊ ने कुमाऊंनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहा कि- मेरो साथी आज यां बठे हरै गौ, कलवा नाम बठे कालीचरण बनि गौ, डॉ. कमलेश शक्टा ने- न समाजै कि डर सब निर्भय है ग्यान, अच्यालौ क नानतिन सजाना है ग्यान। डॉ. सतीश चंद्र पांडेय ने …ओ युवा भारत के मेरे राम बन जा आज तू, खुद मिटा भीतर का रावण धर्म धनु ले हाथ तू, गौरव बंसल ने- युवाओं की भीड़ है आशा का सार है, पिथौरागढ़ की भूमि पर संघर्ष अपार है, नितिन देऊ ने कहा कि- घर की कन्या लक्ष्मी बेटियां, बेटी को दो तुम वह अधिकार जिसे करें सारा जग स्वीकार। गोष्ठी में दिव्यांग दक्षता पुरस्कार 2024 प्राप्त करने पर कवि भूपेंद्र देव ताऊ को शुभकामनाएं दी गईं। साथ ही राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन चंपावत के आय व्यय को पारित किया गया। साथ ही सम्मेलन की सफलता पर साहित्य चेतना मंच से जुड़े तमाम रचनाकारों ने सहयोगियों को धन्यवाद दिया। गोष्ठी में नीरज जोशी, चेतना, फाल्गुनी, कमल आदि मौजूद थे।

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