हल्द्वानी के बेलबाबा मंदिर के पास लीसा फैक्टरी में लगी आग से हुए नुकसान का अभी नहीं हो सका आकलन
हल्द्वानी के अलावा रुद्रपुर व और रामनगर से भी मंगाए गए फायर टेंडर
टनकपुर वन विभाग के लीसा डिपो में अप्रैल 2007 में लगी आग की याद दिला दी
देवभूमि टुडे
चंपावत/हल्द्वानी। हल्द्वानी के बेलबाबा क्षेत्र में मुख्य सड़क से करीब 100 मीटर दूर लीसा फैक्टरी में मंगलवार शाम साढे़ पांच बजे आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग बुझाने के दौरान फोम खत्म हो गया। बहरहाल छह फायर टेंडर ने भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हल्द्वानी की इस आग ने चंपावत जिले के टनकपुर में वन विभाग के लीसा डिपो में अप्रैल 2007 में लगी आग की याद दिला दी। तब 10 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।
हल्द्वानी में रामपुर रोड पर बेलबाबा मंदिर के पास डालाकोटी पेंट्स एंड केमिकल की लीसा फैक्ट्री में मंगलवार शाम आग लग गई। बेहद ज्वलनशील लीसा कुछ ही मिनट में धधकने लगा। सूचना के आधे घंटे बाद करीब साढे़ छह बजे पहुंचे एक फायर टेंडर ने आग बुझाना शुरू किया। आग बढ़ने पर हल्द्वानी से दो और फायर टेंडर बुलाए गए। रुद्रपुर से दो और रामनगर से एक फायर टेंडर बुलाए गए। 500 लीटर फोम के प्रयोग के बाद रात करीब साढे़ आठ बजे आग पर काबू पाया जा सका।
आग लगने के बाद जब पानी खत्म होने लगा तो स्टोन क्रशरों से फायर टेंडर भरकर लाए गए। सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई, एसडीएम परितोष वर्मा, एसपी सिटी हरवंश सिंह, तहसीलदार सचिन कुमार, सीओ नितिन लोहनी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार भी पहुंच गए।
आग लगने के दौरान फैक्ट्री में कर्मचारी और मजदूर काम कर रहे थे। एक मजदूर के मुताबिक लीसा गरम करने के दौरान उसमें आग पकड़ गई। उनके मोबाइल भी जल गए। बुमश्किल वे दीवार फांदकर वहां से भागे। लीसा फैक्टरी के आसपास तीन खड़िया फैक्ट्री हैं। साथ ही 50 मीटर की दूरी पर शराब का बड़ा गोदाम है। अगर आग फैलती तो शराब के गोदाम और अन्य फैक्ट्री में आग पकड़ सकती थी।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार के मुताबिक अग्निकांड में हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। आग कैसे लगी, इसकी जांच कराई जाएगी।