बाघ के हमले में हाथी की मौत…झुंड से अलग कर ली जान

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन की घटना
20 साल के नर हाथी का शव वन कर्मियों को सफारी वाले रास्ते पर मिला
देवभूमि टुडे
रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन में बाघ ने एक हाथी को मार डाला। बाघ ने हाथी को पहले उसके झुंड से अलग किया, फिर चार दिन तक जंगल में भूखा-प्यासा दौड़ाता रहा। हाथी के बेसुध होकर गिरने पर बाघ ने उसकी जान ले ली।
बिजरानी रेंज में करीब 20 साल के नर हाथी का शव वन कर्मियों को सफारी वाले रास्ते पर दिखा। अधिकारियों के मुताबिक बाघ ने सबसे पहले हाथी के पांव पर हमला किया। इससे हाथी झुंड से अलग हो गया और बाघ को शिकार करने का मौका मिल गया। जंगल में कई जगहों पर थककर चूर हो चुके हाथी पर बाघ ने कई बार हमला किया। बाघ से बचने के लिए हाथी जान बचाने के लिए जंगल में इधर-उधर दौड़ रहा था, लेकिन हाथी के बेसुध होने के बाद बाघ ना हमला कर हाथी की जान ले ली। पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा और डॉ. राजीव कुमार ने हाथी का पोस्टमार्टम किया।

प्रतीकात्मक फोटो।
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