
चंपावत कलक्ट्रेट में डीएम मनीष कुमार ने तैयारियों की समीक्षा की
मेला 5 अगस्त से 16 अगस्त तक, बगवाल 9 अगस्त को
देवभूमि टुडे
चंपावत/देवीधुरा। डीएम मनीष कुमार ने कहा कि पुरातन परंपरा, आस्था और संस्कृति के प्रतीक देवीधुरा के मेले में सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध तरीके से पुख्ता की जाए। कलक्ट्रेट में 19 जुलाई को हुई तैयारी बैठक में उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से काम करते हुए सफाई, स्वास्थ्य, पेयजल, सुरक्षा, पार्किंग, यातायात सहित तमाम जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मां वाराही धाम की धरती देवीधुरा में फल-फूलों से खेली जाने वाली बगवाल इस बार 9 अगस्त को (रक्षाबंधन के दिन) खेली जाएगी। धर्म, मान्यता, पंरपरा और संस्कृति की अदभुत छटा बिखेरना वाला बगवाली मेला 5 अगस्त से शुरू होकर 16 अगस्त तक चलेगा।
पाटी की एसडीएम नितेश डांगर ने बताया कि बगवाल (9 अगस्त) के लिए मेला क्षेत्र को 21 सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। जिनमें राजस्व उप निरीक्षक और राजस्व निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। मेले में यातायात व्यवस्था के लिए 10 जगहों पर पार्किंग बनाई जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इन स्थलों से 20 वाहन शटल सेवा के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। ये वाहन पार्किंग से मेला स्थल तक पहुंचाएंगी। मेला क्षेत्र की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए जिला पंचायत मंदिर परिसर का रंग-रोगन करा रही है। जबकि लोक निर्माण विभाग का लोहाघाट खंड परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ अन्य स्थलों की सफाई करा रहा है। जर्जर भवनों की पहचान कर उनकी छतों पर श्रद्धालुओं के चढऩे पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। कहा गया कि चिकित्सा शिविर लगाने के साथ ही बहुद्देशीय शिविरों के जरिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी कमलेश बिष्ट, सीएमओ डॉ. देवेश चौहान, मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे।
परंपरा निभाने को खेली जाती है बगवाल
चारों खाम (चम्याल, गहरवाल, लमगड़िया और वालिग) सहित कुल सात थोकों के योद्घा रक्षाबंधन के दिन पूजा-अर्चना के बाद फल-फूलों से बगवाल खेलते हैं। माना जाता है कि पूर्व में यहां नरबलि दिए जाने का रिवाज था, लेकिन जब चम्याल खाम की एक वृद्धा के एकमात्र पौत्र की बलि के लिए बारी आई, तो वंशनाश के भय से बुजुर्ग महिला ने मां बाराही की तपस्या की। देवी मां के प्रसन्न होने के बाद बगवाल की यह परंपरा शुरू हुई। तभी से बगवाल का सिलसिला चल रहा है।




