प्रदेश में नंबर एक रहा हरिद्वार
उत्तराखंड का मत प्रतिशत 55.89% रहा जबकि अल्मोड़ा सीट पर महज 46.94% मतदान हुआ
देवभूमि टुडे
चंपावत/देहरादून। लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। इस सीट पर महज 46.94% मतदान हुआ है। जबकि उत्तराखंड का मत प्रतिशत 55.89% रहा। यानी अल्मोड़ा सीट पर प्रदेश के मतदान प्रतिशत से 8.95% वोट कम पडे़। वैसे उत्तराखंड का मतदान प्रतिशत 2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार साढे़ पांच प्रतिशत कम रहा। 2019 में प्रदेश में 61.50% वोट पडे़ थे।
उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि राज्य की सभी पांचों लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 55.89 प्रतिशत मतदान हुआ है। सभी पोलिंग पार्टियों के पहुंचने और स्क्रूटनी के बाद मतदान प्रतिशत का पूरा आंकड़ा प्राप्त हो सकेगा। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर 46.94, पौड़ी गढ़वाल सीट पर 50.84, हरिद्वार सीट पर सर्वाधिक 63.50 और नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर 61.35 और टिहरी गढ़वाल सीट पर 52.57% मतदान हुआ है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 27139 मतदान कार्मिकों और पुलिस कार्मिकों ने पोस्टल बैलेट के जरिया मतदान किया है। 12670 ऐसे मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, दिव्यांग मतदाता और आवश्यक सेवा वाले विभागों से जुड़े कार्मिक हैं। राज्य में 93187 सर्विस वोटर भी हैं। जिन सर्विस वोटरों के मतगणना दिवस यानी 4 जून तक सुबह आठ बजे तक डाक मतपत्र आरओ तक पहुंच जाएंगे, उन सभी को मतगणना में शामिल किया जायेगा।
सीमांत में इन्होंने दिखाई मतदान पर आस्था
राहुल महर
चंपावत/तल्लादेश। एक तरफ उत्तराखंड में मतदान प्रतिशत में भारी गिरावट आई है, वहीं सुदूर क्षेत्र तल्लादेश में एक विवाहित जोडे़ ने शादी के फौरन बाद मत दिया।
नेपाल सीमा के नजदीक तरकुली गांव के नीरज सिंह की संगीता से मतदान के दिन यानी 19 अप्रैल को शादी हुई। विवाह के बाद दोनों ने वोट डाल लोकतंत्र के जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने के साथ अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। इस मौके पर लक्ष्मी देवी, लक्ष्मी रैंसवाल, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राकेश सिंह, भुवन बिष्ट, सतीश सिंह, पन्ना देवी आदि मौजूद थे।