खौफ में ग्रामीण…भू-कटाव से नदी में समा रही जमीन

एसडीएम के जरिए डीएम को ज्ञापन भेज की आपदा से बचाव की मांग, किरोड़ा नाले और शारदा नदी से आसपास के गांवों को खतरा
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। किरोड़ा नाला और शारदा नदी का उफान पूर्णागिरि सड़क और उसके आसपास के कई गांवों के लिए कहर बन रहा है। जान-माल के लिए खतरा बन रहे इस नाले से सहमे ग्रामीणों ने बचाव के लिए कारगर उपाय को लेकर ठोस कदम उठाने की 12 अगस्त को ज्ञापन देकर प्रशासन से मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि मानसून काल में न केवल सड़क पर आवागमन करने वाले वाहनों और पैदल राहगीरों के लिए ये नाला खतरा बन रहा है, बल्कि थ्वालखेड़ा, नायकगोठ सहित आसपास के गांवों में भी बड़े पैमाने पर भू-कटाव करता है। ये नौबत मौजूदा बरसात में भी है। इन गांवों में नाले और नदी के उफान पर आने से भू-कटाव शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने एसडीएम आकाश जोशी को ज्ञापन देकर भू कटाव से निजात दिलाकर जानमाल की हिफाजत करने की मांग की है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुंदर सिंह बोहरा सहित तमाम ग्रामीणों का कहना है कि किरोड़ा नाला एवं शारदा नदी का जल स्तर बढ़ने से थ्वालखेड़ा के निचले हिस्से के ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि कट रही है। भू-कटाव से अब तक कई एकड़ भूमि शारदा नदी में समा गई है। साथ ही खेतखेड़ा, बसानीगोठ आदि गांवों में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पहले भी भू-कटाव रोकने के लिए उपाय करने की मांग की जा चुकी है, लेकिन उनकी इस जायज मांग की लगातार अनसुनी की जा रही है। ग्रामीणों ने बाढ़ की रोकथाम के लिए असरकारक कदम उठाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान दीपा बोहरा, बृजमोहन जोशी, रमेश चंद्र, बिशन सिंह, सुंदर सिंह, रेखा जोशी, हेमा पांडे आदि शामिल थे।

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