कुमाऊं आयुक्त ने जिला, राज्य योजना और 30 सूत्रीय कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की
देवभूमि टुडे
चंपावत। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने सड़क निर्माण एजेंसियों को 15 अक्तूबर तक जिले की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए हैं। जिला सभागार में सोमवार को जिला योजना, राज्य योजना, 20 सूत्रीय कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की आदर्श जनपद की परिकल्पना के अंतर्गत प्रत्येक अधिकारी तत्परता से कार्य करें। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करते हुए मरीजों को उचित इलाज व आयुष्मान की सुविधा मुहैया कराएं।
उन्होंने जिले में दवाइयों का पर्याप्त स्टाक रखने के निर्देश सीएमओ को दिए। साथ ही सभी जन औषधि केंद्रों में भी दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गर्भवती महिलाओं के इलाज में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री घोषणा अंतर्गत जिले में गतिमान 151 योजनाओं को समय पर और गुणवत्ता के साथ कराएं। 30 सूत्रीय कार्यक्रमों के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए आयुक्त ने डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करते हुए वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा की नगरीय क्षेत्र में खुले में निर्मित बड़े कूड़ेदानों को हटाया जाए। आयुक्त ने कहा कि जिले में जहां-जहां पार्किंग की आवश्यकता है, वहां के प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजें। आयुक्त ने उरेडा विभाग को जिले में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना अंतर्गत वर्तमान में प्राप्त 60 आवेदन जो प्राप्त हुए हैं, उन लाभार्थियों को योजना का लाभ शीघ्र प्रदान करने के साथ ही अधिक से अधिक लोगों को इस की जानकारी देते हुए लाभ देने के निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त ने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए वर्तमान में 11 स्थानों में पंपिंग योजनाओं में जो कार्य किया जा रहा है, उन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों किरोड़ानाला, बाटनागाड़ तथा अन्य क्षेत्रों में स्थाई समाधान के लिए प्राप्त प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए। बैठक में एसपी अजय गणपति, डीएफओ आरसी कांडपाल, सीडीओ संजय कुमार सिंह, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा, एसई सिंचाई विकास श्रीवास्तव सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
टी-पर्यटन के रूप में और अधिक विकसित किया जाए चाय बागान
चंपावत। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने सोमवार को जिला मुख्यालय के शिलिंगटाक चाय बागान का निरीक्षण किया। उन्होंने फुंगर, झालीमाली आदि गांव का पैदल भ्रमण किया। आयुक्त ने की बोर्ड प्रबंधन तथा पूर्व टी बोर्ड प्रबंधक डेसमंड तथा जिला पर्यटन अधिकारी से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने जैविक चाय की प्रोसेसिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी ली। कहा कि चाय बागानों में अनेक पर्यटक घूमने आते हैं। अन्य प्रदेशों की तरह यहां के चाय बागानों में भी अधिक पर्यटक आएं, इसके लिए इन बागानों को टी पर्यटन के रूप में और अधिक विकसित किया जाए।
आयुक्त ने कहा कि टी गार्डन में तीन कॉटेज और एक कैफे पूर्व से ही संचालित है, काफी पर्यटकों की ओर से यहां रुकने की रुचि जताई है, जिसके लिए एक प्रोजेक्ट जनपद से बन रहा है। इसकी स्वीकृति शीघ्र ही मिल जाएगी। इसके अतिरिक्त जनपद की स्थानीय आकर्षण वाले स्थानों को कोलीढेक झील, पूर्णागिरि, राजबुंगा किला को पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक विकसित किया जाएगा। चाय विकास बोर्ड प्रबंधन राकेश कुमार ने आयुक्त को विभिन्न जानकारी दी। कहा कि चंपावत में चाय बागानों में विभिन्न विकास कार्य किये जा रहे हैं। चाय का क्षेत्रफल को बढ़ाए जाने को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चाय के बागान विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान आयुक्त ने शिलिंगटॉक में घर-घर जाकर हर घर नल हर घर जल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। कुछ घरों में हर घर जल योजना के तहत नल लगे थे परंतु उसने पानी उपलब्ध नही हो रहा था। इस संबंध में आयुक्त ने मौके से से ही कार्यदाई संस्था जल निगम, जल संस्थान को निर्देश दिए कि हर घर को नल से जल देने की केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसका लाभ प्रत्येक को मिले। उन्होंने निर्देश दिए कि उक्त योजना के तहत एक माह के भीतर नलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस दौरान एसडीएम सदर सौरभ असवाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़, प्रबंधक चाय बोर्ड राकेश कुमार, पूर्व प्रबंधन डेसमंड, तहसीलदार जगदीश नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारी गांवों में जाकर पुनर्निर्माण कार्यो का निरीक्षण करें:आयुक्त
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने मानसून काल में हुए नुकसान और राहत कार्यो की जानकारी ली
चंपावत। चंपावत पहुंचे कुमाऊं आयुक्त व मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर मानसून काल में हुई क्षति एवं नुकसान व किए गए राहत, बचाव पुनर्निर्माण आदि के कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी गांव-गांव जाकर पुनर्निर्माण कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करें। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जो भी तथा जिस भी प्रकार का नुकसान प्राकृतिक आपदा से हुआ है उसे किसी न किसी योजना, मानक से राहत दी जाए।
आयुक्त ने कहा कि विभागों की ओर से आपदा के दौरान तत्काल बेहतर कार्य करते हुए तात्कालिक रूप से सड़क यातायात, पेयजल, विद्युत सुचारू किया गया है। अब इन कार्यों को स्थाई रूप से बनाए जाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। कहा कि सड़क निर्माण एजेंसियां विशेष रूप से देखें, कि सड़क में यातायात सुव्यवस्थित हो, किसी भी प्रकार की दुर्घटना ना हो। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अधिक नुकसान हुआ है, उन सड़क मार्ग में विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा से जिन-जिन विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों को नुकसान हुआ है, उन भवनों की मरम्मत व निर्माण की कार्यवाही की जाए। डीएम नवनीत पांडे ने लोहाघाट तहसील के दूरस्थ क्षेत्र रौसाल, मटियानी, पंचेश्वर आदि क्षेत्र में हुई क्षति की जानकारी देते हुए बताया कि घटना के तत्काल बाद राजस्व, एसडीआरएफ तथा पुलिस की टीम मटियानी पहुंची जहां मलबे में दबे दो मृतकों को निकालने के साथ ही राहत आदि कार्य कराए गए। एक महिला जिसके हाथ में चोट लग गई थी, उन्हें तात्कालिक मेडिकल इमरजेंसी के तहत हेली सेवा से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव के साथ ही गांव में तत्काल सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई। स्वांला में मार्ग बंद हो जाने के कारण फंसे यात्रियों के रहने, भोजन की व्यवस्था रैनबसेरे में की गई। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए विभागवार आपदा से हुए नुकसान तथा किए गए राहत बचाव व पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी दी। बैठक में मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग दयानंद, मुख्य अभियंता लोनिवि अल्मोड़ा राजेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ला, डीएफओ आरसी कांडपाल, सीडीओ संजय कुमार सिंह सहित जिले के अन्य अधिकारी मौजूद थे।