चंपावत में 320 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा 9.847 किमी लंबा बाइपास
टनकपुर-पिथौरागढ़ पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन बाइपास का होगा निर्माण
देवभूमि टुडे
चंपावत। चार धाम परियोजना के तहत टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंपावत, लोहाघाट और पिथौरागढ़ में बाइपास निर्माण की संभावना तलाशने पहुंची। ओवरसाइट कमेटी ने स्थलीय निरीक्षण किया। तीनों बाइपास के समरेखन के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सेवानिवृत्ति न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने चंपावत व लोहाघाट में प्रस्तावित बाइपास का जायजा लिया। समिति में सीकरी के साथ ही डॉ. एन बाला और एसके गोयल शामिल थे।
31 मई को चंपावत पहुंची टीम ने सर्किट हाउस में जिला प्रशासन सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अफसरों के साथ बैठक कर बाइपास निर्माण के संबंध में समीक्षा की। बाद में शक्तिपुरबुंगा क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण किया। डीएम नवनीत पांडे ने बताया कि चीन सीमा को जोडऩे वाले एनएच के नगरीय क्षेत्रों के बढ़ती आबादी को देखते हुए और जाम से बचाव को बाइपास जरूरी हैं। एनएच से सेना, अद्धैसैनिक बल सहित अन्य वाहन आवगमन करते हैं। प्रसिद्ध आदि कैलास यात्रा का संचालन भी यही से हो रहा है। सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य अभियंता डीके शर्मा ने तीनों बाइपास की जानकारी दी। कहा कि 9.847 किमी लंबा चंपावत बाइपास 320 करोड़ रुपये से तैयार होगा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, एनएच के अधीक्षण अभियंता एके पांडे, एनएच खंड लोहाघाट के ईई आशुतोष कुमार आदि मौजूद थे।
प्रस्तावित बाइपास के समर्थन में उतरे जनप्रतिनिधि और ग्रामीण
डीएम के समक्ष बाइपास के समर्थन में रखा अपना पक्ष
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत में प्रस्तावित बाइपास के समर्थन को लेकर कई गांवों के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मुखर हो गए हैं। इस संबंध में उन्होंने डीएम नवनीत पांडे को ज्ञापन सौपा। ग्रामीणों ने डीएम के समक्ष बाइपास के समर्थन में अपना पक्ष रखा। जिला पंचायत सदस्य सरिता बोहरा की प्रतिनिधि मनमोहन बोहरा के नेतृत्व में इंदुवर जोशी, मनोज शर्मा, मनोज जोशी, पीयूष जोशी, गिरीश राम, प्रवीण कुमार, सुनील कुमार, महेंद्र राम, किशोर कुमार आदि प्रस्तावित बाइपास के निरीक्षण को आई ओवरसाइट कमेटी के सदस्यों से मिलने पहुंचे। लेकिन देरी के कारण उन्होंने डीएम के समक्ष बाइपास के समर्थन में अपना पक्ष रखा। ग्रामीणों का कहना था कि प्रस्तावित बाइपास दर्जनों गांव को जोडऩे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डीएम से मिलने वालों में चौकी, लटोली, धौन, फूंगर, तल्ली चौकी, चौकी,लिस्ता आदि गांवों के ग्रामीण शामिल रहे।