बिन गुरु कैसे पढे़ंं नौनिहाल, CEO कार्यालय में 3 घंटे से अधिक दिया धरना, आश्वासन के बाद माने अभिभावक
देवभूमि टुडे
चंपावत। जोखिम भरे मौसम के बीच 75 किलोमीटर दूर रीठा साहिब और आसपास के क्षेत्रों के गुस्साए लोग 12 अगस्त को मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में धमक गए। दूरदराज से आए इन ग्रामीणों की बेहद सीधी-सरल मांग थी कि स्कूल खोला है, तो शिक्षक दो। लेकिन इस सामान्य सी लगने वाली मांग को पूरा करने में शिक्षा विभाग के हाथपांव फूल गए। जब ग्रामीण शिक्षकों के लिखित आश्वासन के बगैर जाने को राजी न हुए, तो अधिकारी आश्वासन देने को मजबूर हुए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों में आश्वासन पूरा न हुआ, तो वे बेमियादी आंदोलन को मजबूर होंगे।
रीठा साहिब जीआईसी में 6 शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद व्यवस्था चरमरा गई है। PTA (अभिभावक-शिक्षक संघ) के अध्यक्ष गोविंद सिंह परवाल, उपाध्यक्ष रेखा कुल्याल, ग्राम प्रधान प्रमोद कुमार, पूर्व प्रधान महेश राम, रमेश बिष्ट, नरेंद्र मेहता, पुष्पाल सिंह कुल्याल, कमल सिंह परवाल, त्रिलोक सिंह महरा, कुंदन सिंह बोहरा, प्रकाश सिंह, विक्रम सिंह, खीम सिंह सहित तमाम लोगों ने विभागीय अधिकारियों के सम्मुख शिक्षकों की भारी कमी से पढ़ाई पर मार का हवाला देते हुए खाली पदों पर तैनाती की मांग की। कहा कि गुरुओं की कमी के इसके चलते 2024 में परीक्षा परिणाम महज 35% रहा है। अभिभावकों ने कहा कि जब शिक्षक नहीं दे सकते है, तो अटल उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा वापस ले लिया जाए। मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि अतिथि शिक्षक मिलने पर 15 दिनों के भीतर भौतिक विज्ञान और गणित के शिक्षक रीठा साहिब में दिए जाएंगे। ग्रामीणों ने 15 दिनों में शिक्षकों की तैनाती नहीं किए जाने पर फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है।