ACMO डॉ. कुलदीप यादव पर लगे आरोपों की जांच पूरी, जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष अभी सार्वजनिक नहीं
डीएम को सौंपी जांच रिपोर्ट, शासन भेजी जाएगी रिपोर्ट
देवभूमि टुडे
चंपावत। प्रभारी एसीएमओ पर लगे अभद्रता और उत्पीड़न के आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है। 3 जुलाई को इस रिपोर्ट को जांच अधिकारी एडीएम हेमंत कुमार वर्मा ने जिला मजिस्ट्रेट नवनीत पांडे को सौंप दिया। शासन के निर्देश पर 27 जून को डीएम ने जांच के आदेश दिए थे। वहीं इससे 12 दिन पूर्व 15 जून को जारी किए गए जांच आदेश की तफ्तीश अभी अधूरी है।
चंपावत के कुछ सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी), भाजपा नेता, व्यापार मंडल और कुछ नुमाइंदों ने तत्कालीन प्रभारी एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव पर कर्मियों से अभद्रता और उत्पीडऩ के आरोप लगाए थे। इसे लेकर 20 जून और 26 जून को शिकायती पत्र मुख्यमंत्री और चंपावत के दौरे पर आए जिले के प्रभारी सचिव को दिए गए थे। प्रभारी सचिव चंद्रेश कुमार यादव को ज्ञापन दिए जाने वाले दिन यानी 26 जून को ही डॉ. कुलदीप यादव ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए एसीएमओ का पद छोड़ दिया था। और उन्हें टीबी क्लीनिक के चिकित्साधिकारी का जिम्मा दे दिया गया था।
इस घटनाक्रम के एक दिन बाद 27 जून को डीएम नवनीत पांडे ने शासन के निर्देश के क्रम में एडीएम हेमंत कुमार वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। एडीएम के अलावा जांच टीम में लोहाघाट की एसडीएम रिंकू बिष्ट और लोहाघाट उप जिला अस्पताल की प्रभारी सीएमएस डॉ. सोनाली मंडल शामिल थे। जांच टीम को 2 जुलाई तक रिपोर्ट देने को कहा गया था। अलबत्ता जांच टीम ने सभी पक्षों के बयान और अन्य जरूरी जानकारी जुटाते हुए 3 जुलाई को जांच डीएम को सौंप दी। डीएम नवनीत पांडे ने बताया कि जांच रिपोर्ट बुधवार को मिल गई है। रिपोर्ट को शासन को भेजा जाएगा।
जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष क्या है? इसे तो अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद और आधारहीन बताते हैं। जांच के आदेश जारी होने के एक दिन बाद ही 28 जून को उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने चंपावत के प्रभारी एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव को कुमाऊं मंडल के निदेशक कार्यालय नैनीताल संबद्ध किया था।
समय पर पूरी नहीं हो सकी दूसरी जांचः
चंपावत। एसीएमओ पर लगे आरोपों की जांच तो करीब एक सप्ताह में पूरी हो गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की इससे पूर्व की एक अन्य जांच अभी अधूरी है। 15 जुलाई को डीएम ने चंपावत जिला अस्पताल में आयुष्मान योजना से हो रहे इलाज में अनियमितता और वसूली के आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। इसके लिए एडीएम हेमंत कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गठित जांच टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इंद्रजीत पांडेय और लोहाघाट के उप कोषाधिकारी गणेश चौथिया शामिल किए गए थे। टीम को आयुष्मान योजना के क्रियांवयन, कैशलैस योजना होने के बावजूद कतिपय कार्मिकों द्वारा मरीजों से धन की मांग करने, आयुष्मान योजना के अंतर्गत जिला अस्पताल को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के वितरण में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच 15 दिन यानी 30 जून तक पूरी कर डीएम को देनी थी। आयुष्मान योजना के चंपावत के जिला समन्वय प्रदीप मिश्रा ने पिछले कुछ समय से आयुष्मान योजना के क्रियांवयन में गड़बडिय़ों और जिला अस्पताल के कुछ कर्मियों पर 3 हजार से 7 हजार रुपये तक वसूलने का आरोप लगाए थे। जिला अस्पताल की ओर से आरोपों को खारिज किया गया था। आरोप सही या गलत, ये बात दिगर हैं। लेकिन जांच निर्धारित समय बीतने के 3 दिन बाद भी पूरी नहीं की जा सकी है। डीएम नवनीत पांडेय का कहना है कि अभी यह जांच रिपोर्ट लंबित है। संभवत: स्वास्थ्य विभाग की दूसरी जांच की वजह से जांच टीम जांच पूरी नहीं कर सकी होगी।