लखीमपुर खीरी की 54 साल की महिला पूर्णागिरि धाम में फिसलने से हुई थी चोटिल, पुलिस और वन कर्मियों ने निभाई जिम्मेदारी
देवभूमि टुडे
चंपावत। ये पूर्णागिरि देवी मां का आशीर्वाद ही था, देवी की कृपा ही थी कि बुरी तरह जख्मी होने और सड़क बंद होने के बावजूद जान बच गई। ये कहना है पूर्णागिरि धाम में दर्शन के लिए आई महिला श्रद्धालु के परिजनों का। चोटिल महिला को पुलिस की मदद से डोली के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया और अब महिला की हालत खतरे से बाहर है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के पलिया कला निवासी एक महिला श्रद्धालु चित्रा ( 54) पत्नी राजेश गुप्ता मां पूर्णागिरी दर्शन के लिए अपने परिवार के साथ गई थी। पिछले दिनों की भारी बारिश से पैदल रास्ते में आए मलबे से महिला फिसल गई। इससे चित्रा के घुटनों में गंभीर चोटें आ गईं। 15 सितंबर की सुबह भैरव मंदिर पुलिस चौकी के हेड कांस्टेबल सुभाष पांडेय ने चोटिल महिला को डोली के जरिए बंद रास्तों को पार करवा टनकपुर अस्पताल पहुंचाया। वन विभाग के कर्मी भरत सिंह और पीआरडी के जवान बेनी राम कापड़ी के अलावा स्थानीय लोगों ने इस काम में मदद की। उधर मां पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने सड़क के बंद होने, बिजली-पेयजल आपूर्ति बाधित होने की वजह से फिलहाल धाम यात्रा नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में व्यवस्था बहाल होने पर फिर से यात्रा सुचारू हो जाएगी।