


पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में 10 अप्रैल से 5 दिनों तक नहीं मिल सकेंगे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा
11 अप्रैल को देहरादून में धरना देंगे विशेषज्ञ डॉक्टर, सीएमओ को दिया ज्ञापन
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड के अधिकांश पर्वतीय जिलों में 10 अप्रैल से पांच दिन तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल सकेगी। ये नौबत उनके वेतन की विसंगति की वजह से है। इस दायरे में चंपावत जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में ही 21 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। आज 7 अप्रैल को PMHS (प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ) ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेश चौहान को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि PMHS के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर वेतन विसंगति को लेकर प्रदेश भर के पर्वतीय जिलों की तरह ही चंपावत जिले के पहाड़ी क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सक भी देहरादून में 11 अप्रैल को धरना देंगे। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक 10 अप्रैल को चंपावत जिला अस्पताल व लोहाघाट उप जिला अस्पताल से देहरादून स्वास्थ्य महानिदेशालय के लिए रवाना होंगे। 12 अप्रैल को वापसी होगी, लेकिन 13 अप्रैल को रविवार और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती का अवकाश होगा।
PMHS के चंपावत जिले के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह का कहना है कि दुर्गम और पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सक कठिन परिस्थितियों में सेवा दे रहे हैं, ऐसे में उन्हें अतिरिक्त वेतन दिया जाना चाहिए। इसे लेकर पिछले साल सरकार ने सहमति भी जताई थी, लेकिन आश्वासन के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं सरकार बांड वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों को 4 लाख रुपये महीने का वेतन दे रही है। ज्ञापन देने वालों में PMHS की जिला इकाई के उपाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, सचिव डॉ. मनोज, डॉ. हिमांशु पांडेय, डॉ. यशमोहन सोनी, डॉ. धनंजय पाठक, डॉ. लता, डॉ. कर्णिका पंत आदि शामिल थे।
ये हैं विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग:
1.पर्वतीय क्षेत्रों के राजकीय मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तरह ही सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रहे विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन दिया जाए।
2.सुगम और दुर्गम क्षेत्रों का फिर से निर्धारण किया जाना चाहिए।
3.SDACP (Special Dynamic Assured Career Progression) शिथिलीकरण का शासनादेश होने के बावजूद प्रकरण को लटकाया गया है।



