MODEL DISTRICT की बीमार सेहत 5…बदहाली से 25 हजार से अधिक लोग बेहाल

दूरदराज के सरकारी अस्पतालों में कैसे बंटे दवा…फार्मासिस्टों की कमी आ रही आड़े
नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश और लधिया घाटी के 4 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हफ्ते में 3 दिन नहीं मिल रही फार्मासिस्ट की सेवा
पाटी में 4 माह से नहीं चल रही खुशियों की सवारी
देवभूमि टुडे
चंपावत/तल्लादेश/लधिया घाटी। मॉडल डिस्ट्रिक्ट चंपावत की सेहत शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी नमूना बन रही है। दूरदराज के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवा बांटने वाला भी कोई नहीं है। फार्मासिस्टों की कमी से सुदूर के चार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में हफ्ते में 3-3 दिन फार्मासिस्टों की सेवा नहीं मिल पा रही है। प्रसूताओं को अस्पताल लाने और अस्पताल से घर पहुंचाने वाली खुशियों की सवारी की सेवा भी पाटी में पिछले 4 माह से नहीं है। इसकी मार 25 हजार से अधिक आबादी को पड़ रही है।
चंपावत जिले के दूरदराज के चार अस्पतालों में दो ही फार्मासिस्ट हैं। नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश के तामली और मंच के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर लधिया घाटी के रीठा साहिब (चौड़ामेहता) व भिंगराड़ा में तीन-तीन दिन फार्मासिस्ट सेवा देने को मजबूर हैं। ये नौबत यहां के दो अस्पतालों में फार्मासिस्टों के पद खाली होने से हैं। सिखों के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल गुरुद्वारे के लिए विख्यात रीठा साहिब में दो महीने से फार्मासिस्ट नहीं है। यहां की फार्मासिस्ट दीपा कश्यप का ऊधमसिंह नगर जिले में स्थानांतरण के बाद से रीठा साहिब में किसी की तैनाती नहीं हो सकी है। भिंगराड़ा के फार्मासिस्ट दीपक गिरी गोस्वामी का कहना है कि वे भिंगराड़ा के साथ ही 18 किलोमीटर दूर रीठा साहिब का जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। इस वजह से दोनों अस्पतालों में हफ्ते में 3-3 दिन सेवा दे रहे हैं।
ऐसी ही नौबत नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश के तामली और मंच अस्पताल की है। मंच अस्पताल के फार्मासिस्ट संजू वर्मा को 3 दिन मंच, तो 3 दिन 20 किलोमीटर दूर तामली की दौड़ लगानी पड़ रही है। इस बदहाली से आम लोग बेेहाल हैं। सीमांत क्षेत्र के नागरिक और यहां तक कि सत्तारुढ़ दल भाजपा से जुड़े नेताओं की आवाज भी बेअसर रही है।
खुशियों की सवारी से पाटी के लोगों को नहीं मिल रहीं खुशियां…4 माह से नहीं है वाहन
चंपावत/पाटी। नैनीताल और अल्मोड़ा जिले की सीमा से लगे चंपावत जिले के पाटी क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं के लिए दुश्वारी कम नहीं है। मामूली प्रसव तो पाटी के अस्पताल में होते हैं, लेकिन जटिल प्रसव और सर्जरी की सुविधा पाटी के सरकारी अस्पताल में नहीं है। प्रसूताओं को अस्पताल लाने और अस्पताल से घर पहुंचाने वाली खुशियों की सवारी की सेवा भी पाटी में पिछले 4 माह से नहीं है। जिला समन्वयक कमल शर्मा का कहना है कि पाटी की केकेएस का अनुबंध खत्म हो गया है। जल्द ही नया अनुबंध किया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर खुशियों की सवारी शुरू हो जाएगी। फिलहाल खुशियों की सवारी को लोहाघाट से भेजने का दावा किया गया है। इस वक्त चंपावत जिले में लोहाघाट में 2 और चंपावत में 1 खुशियों की सवारी है।
समस्याओं के समाधान के बजाय स्वास्थ्य विभाग का मौन
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र वाले चंपावत जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के बजाय स्वास्थ्य विभाग ने मौन साध लिया है। स्वास्थ्य विभाग के चंपावत जिले के मुखिया स्वास्थ्य विभाग की खामियों से संबंधित किसी भी सवाल का जवाब देने से पहले ही इंकार कर चुके हैं। अगर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की सेहत को संवारने के लिए जमीन में कोई कदम उठाने की जानकारी दी, तो उनका पक्ष भी जनता के सामने रखा जाएगा।

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