

अदालत ने दोषी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया,
अर्थदंड नहीं चुकाने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी, चंपावत जिला सत्र न्यायालय का फैसला
देवभूमि टुडे
चंपावत। आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पति को चंपावत के जिला सत्र न्यायालय ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा होगी।
जानकारी के अनुसार सिरतोली गांव निवासी बंशीधर गहतोड़ी ने पाटी थाने में तहरीर दी। तहरीर में कहा गया था कि उसकी पुत्री का विवाह डेढ़ साल पूर्व किमाड़ गांव के जगदीश जोशी के साथ हुआ था। वादी ने जगदीश जोशी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। कहा कि 10 अक्तूबर 2022 की शाम उनकी बेटी ने पति के मारपीट करने की शिकायत कर उसे मायके ले जाने की गुहार लगाई थी। मौसम खराब होने से वह उसी दिन बेटी के ससुराल नहीं जा सके। दूसरे दिन दामाद जगदीश ने उन्हें भावना के जहर खाने की सूचना दी। पाटी अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने भावना को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने दामाद पर भावना को देरी से अस्पताल पहुंचाने का आरोप लगाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी भावना की मौत पिछली रात 9 से 1 बजे के बीच होने की बात कही गई। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2022 में मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने भावना के पति को दहेज उत्पीड़न के आरोप से मुक्त किया। लेकिन क्रूरता और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया। जिला सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पति को 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। दोषी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से DGC विद्याधर जोशी ने पैरवी की।

