कलश संगीत कला समिति के होल्यारों ने चंपावत में देर रात तक बिखेरे होली के रंग
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत में बैठकी होली की धूम मची। कलश संगीत कला समिति के होल्यारों ने देर रात तक शास्त्रीय संगीत पर आधारित होली का देर रात तक गायन किया। सामूहिक गणेश वंदन से बैठकी होली का शुभारंभ किया गया।
बाल कलाकार आयुष भट्ट ने राग काफी में-ये कैसी नादानी, सजन मोरी अखियां पिरानी.. होली पेश की। डॉ. संतोष कुमार पांडेय ने -जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया, करती है बसेरा.. गीत पेश किया। धरम सिंह अधिकारी ने राग काफी में- सय्या गए परदेश, कटे कैसे विरहा की रतिया.. होली पेश की। दिनेश बिष्ट ने -ऐसे पनघट पर नैना लड़ी श्याम से.. की प्रस्तुति दी। हिमेश कलखुड़िया ने राग सहाना में -ओ मुरली वाले कान्हा निकल आओ परदे से.. का गायन किया। प्रेम बल्लभ भट्ट ने राग काफी में -श्याम की देखो ठिठोली मोरी चोली की डोरी.. का गायन किया। होली गायन में पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा, महेश जोशी, प्रकाश पांडेय, गिरीश पंत, अंकित जोशी आदि मौजूद थे।