गणपति को भज लीजै…पौष माह का आगाज होली का श्रीगणेश

कलश संगीत कला समिति के तत्वाधान में चंपावत के व्यापारी प्रकाश पांडेय के आवास पर शास्त्रीय बैठकी होली शुरू
देवभूमि टुडे
चंपावत। पौष मास के प्रथम रविवार (15 दिसंबर) से होली गायन का श्रीगणेश हो गया। चंपावत की कलश संगीत कला समिति के तत्वावधान में खड़ी बाजार के व्यापारी प्रकाश पांडेय के आवास पर शास्त्रीय बैठकी होली का शुभारंभ किया गया। कलश संगीत कला समिति के अध्यक्ष धर्म सिंह अधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठकी होली का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना मां शारदे तथा गणेश वंदना के साथ किया गया।
गिरीश पंत के- राग कल्याण में ‘होली में मना लाऊंगी रूठे श्याम को’ गीत से बैठकी होली गायन का आगाज हुआ। धर्म सिंह अधिकारी ने – ‘मुरलिया मधुर बजावे श्याम’, उमापति जोशी जी ने राग काफी में ‘गणपति को भज लीजै, रसिक वो तो आदि कहावो’, दिनेश बिष्ट ने ‘दर्द ना जानत कोई, दीवानी मोरा रे’, प्रकाश पांडेय ने ‘ऊंचे पर्वत पर बस रही, अंत तेरा नहीं पाया’, प्रेम बल्लभ भट्ट ने राग काफी में ‘तू मत्यु लोक में आई, नमो भृग तारीणी गंगे’, संतोष पांडेय ने ‘ओ पापी मन करले भजन’, महेश जोशी ने राग काफी में ‘रघुनंदन खेले होली, कैसी धुम मची’, उमापति जोशी, हिमेश कलखुडिया और तुलसी दत्त जोशी ने राग जंगला काफी में ‘मैं तो चौंक पड़ी, धुन मुरली की सुन’, रोहित खर्कवाल व संजय जोशी ने राग यमन में ‘जै हो माई पूर्णागिरि, दर्शन दीजे, दुख को हर लीजे’, कंचन मेहता और समिति के बाल कलाकार आशुतोष भट्ट, मानस पंत, अंकित जोशी एवं आयुष भट्ट ने राग काफी में ‘भव भंजन गुण गाऊं, मैं अपने राम को रिझाऊं’ होली गीत से रंग बिखेरे। बैठकी होली में सरोज पांडेय सहित होली गीत के कई शौकीन मौजूद थे।

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