चंपावत में बैठकी होली की गूंज…कलश संगीत कला समिति की पहल

फागुन के दिन चार, सखी री अपनो बलम मोहे मागहूं दे री…
पूर्व पालिकाध्यक्ष वर्मा और कलश समिति के अध्यक्ष कलखुड़िया ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
देवभूमि टुडे
चंपावत। महाशिवरात्रि के पर्व के बाद बैठकी होली की गूंज तेज हो गई है। कलश संगीत कला समिति के तत्वावधान में कलक्ट्रेट के नजदीक महेश जोशी के आवास पर हुई होली में होल्यारों ने अपने गायन से शास्त्रीय संगीत पर आधारित बैठकी होली के तमाम रंग बिखेरे। होली का श्रीगणेश नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष विजय वर्मा और कलश संगीत कला समिति के अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया ने दीप प्रज्वलित कर किया।
बाल कलाकार आयुष भट्ट ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रेम बल्लभ भट्ट ने -राग काफी में – ‘गाओ सुहागिन होली, बरस की घड़ी अलबेली’, तुलसी दत्त जोशी ने – ‘सय्या गये प्रदेश, कटेगी कैसे बिरहा की रतिया’, डॉ. संतोष पांडेय ने -‘सय्या होली में लाना गुलाल मोरा जिया ना माने’- गिरीश पंत ने -‘आज तुम निकी बनी हो, प्यारी होलिन में, चमकत हो चपला सी’ और ‘मोहे दगा से बुलाके मोहे, नेद को छयला पिचकारिन मार गयो’, बाल कलाकार आयुष भट्ट ने -‘खेले मसाने में होली दिगंबर’, महेश जोशी ने- ‘फागुन के दिन चार, सखी री अपनो बलम मोहे मागहूं दे री’, संजय जोशी ने- ‘आज कैसी धूम मची, बृज में खेलत नंद’, शांति जोशी ने – ‘रंग डारूंगी, डारूंगी नंद के लालन पर’, हिमेश कलखुड़िया ने – ‘पायल बाजत मोरी, सेज पिया की कैसे बिछाऊ’, दिनेश बिष्ट ने – ‘हो मुबारक मंजरी फूलों भरी, ऐसी होरी खेले जनाबे अली’, प्रस्तुतियां दी गई।
इस अवसर पर बाल कलाकार अंकित जोशी, मानस पंत के साथ ही शांति जोशी, दिनेश बिष्ट ने होल्यारों के साथ तबले में संगत की गई रोहित खर्कवाल और डॉ. संतोष कुमार पांडेय ने ढोलक पर ताल देकर महफिल में चार चांद लगा दिए। कुमाऊंनी बैठकी होली की महफिल में गीता फर्त्याल, पार्वती फर्त्याल, आयुष सामंत, जशी सामंत, कमला जोशी आदि ने हिस्सा लिया।

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