आयो फागुन मास सखी, उमगे जिया मोरा…

पाटी में मष्टा संगीत कला सामिति के तत्वावधान में देर रात तक हुआ बैठकी होली का गायन
देवभूमि टुडे
चंपावत/पाटी। पाटी की मष्टा संगीत कला समिति के तत्वावधान में हुई बैठकी होली में होल्यारों ने विविध रंग उकेरे। आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष पंकज पंचोली के आवास पर विभिन्न राग-रागनियों में हुए होली गायन से देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा। श्रीगणेश
सामूहिक गणेश वंदना -प्रथम सुमिर श्री गणेश, गौरी सुत प्रिय महेश’ से हुआ।
एमसी भट्ट ने राग काफी में- सँय्या गये परदेश, कटत कैसे बिरहा की रतिया-,पंकज पचौली ने राग काफी में-आयो फागुन मास सखी, उमगे जिया मोरा-, प्रदीप पचौली ने राग काफी में- भव भंजन गुण गाऊँ, मैं अपन राम को रिझाऊँ-, बीसी भट्ट ने राग सहाना में-वँय्या पकड़ मुख, मलत गुललवा-, विशाल पचौली ने राग विहाग में-बलम तोरे, झगड़े में रैन गई-, केसी भट्ट ने राग भैरवी’ में -जगा दीनो रे, मोहे निदियाँ में आय के-, रंजीत विष्ट ने- ये कैसी होली खिलर्लाइ, श्याम तुम बड़े हरजाई- और
योगेश पचौली ने बिहाग में -को जागे सारी रात, लगन बिन- होली गीत पेश कर खूबसूरत रंग बिखेरे।
देर रात तक चली बैठक में तबला संगति केसी भट्ट, विशाल पचौली एवं योगेश पचौली ने की। बैठकी होली गायन में शिक्षक रवीश पचौली, हीराबल्लभ, प्रकाश चंद्र, कमल, धीरज, उर्मिला, पूजा, आराध्या आदि ने भी सुर में सुर मिलाया।

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