ओलंपिक इतिहासः विनेश फोगाट का चांदी पक्का…सोने के लिए मुकाबला कल

विनेश फोगाट ने लोपेज को सेमीफाइनल में हराया, इससे पूर्व विनेश ने ओलंपिक की स्वर्ण विजेता और एक भी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला नहीं हारने वाली सुसाकी को 3-2 से हराया था

पेरिस। भारत के पहलवान विनेश फोगाट ने 6 अगस्त को इतिहास रच दिया है। वह ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान हैं। उन्होंने महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग के सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से करारी शिकस्त दी। इसी के साथ विनेश ने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया। और वह 7 अगस्त को स्वर्ण पदक के लिए उतरेंगी। पहले राउंड तक विनेश 1-0 से आगे थीं। फिर आखिरी तीन मिनट में उन्होंने क्यूबा की पहलवान पर डबल लेग अटैक किया और 4 प्वाइंट अर्जित किए। इस बढ़त को वह अंत तक बनाए रखी और फाइनल में जगह बनाई। विनेश का इस ओलंपिक में सफर शानदार रहा है। रियो ओलंपिक में चोट की वजह से हटने और फिर टोक्यो ओलंपिक में round of 16 से बाहर होने के बाद इस साल विनेश ने अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने दिखाया है। अपने पहले मैच यानी प्री क्वार्टर फाइनल में विनेश ने 4 बार की विश्व चैंपियन, टोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता और एक भी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला नहीं हारने वाली सुसाकी को 3-2 से हराया था। जापानी खिलाड़ी सुसाकी ने लगातार 82 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला जीते हैं। विनेश फोगाट ने फिर ओकसाना को क्वार्टर फाइनल में 7-5 से हराया। अब सेमीफाइनल में 5-0 से जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई। विनेश से पहले सिर्फ दो पुरुष पहलवान ही ओलंपिक में फाइनल तक पहुंच पाए हैं। 2012 लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार और 2020 टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन आखिरी मुकाबला दोनों हार गए थे।

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