हड़ताल पर राजस्व कर्मी…कामकाज पर पड़ रहा असर

पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व अनुसेवक संघ का दो दिनी कार्य बहिष्कार शुरू
दो सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहे हैं आंदोलन
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व अनुसेवक संघ का दो दिनी कार्य बहिष्कार प्रदेशभर में शुरू हो गया है। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर मांगों के समर्थन में इन राजस्व कर्मियों ने सभी तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन किया। एसडीएम को ज्ञापन दिया। दो दिन कार्य बहिष्कार से कामकाज पर असर पड़ा है। भूमि प्रमाणपत्र, सीमांकन, भूमि उपयोग बदलाव, विभिन्न प्रकार की जांचें प्रभावित हुई हैं।
संगठन के जिलाध्यक्ष पुष्कर नाथ गोस्वामी और सुनील सिंह महरा के नेतृत्व में चंपावत तहसील परिसर में प्रदर्शन किया गया। खतौनी अंश निर्धारण में उपकरणों व साधनों की कमी है। वे इस वक्त सिर्फ मोबइल फोन से इस काम को करने को मजबूर हैं। कर्मियों की मांग है कि लैपटॉप, डाटा पैक और मानदेय दिया जाए। इसके अलावा प्रदेश में राजस्व पुलिस का कार्य नियमित पुलिस को हस्तांतरित करने के आदेश का अनुपालन करने की मांग की गई है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर के अलावा चंपावत उत्तराखंड का तीसरा जिला है, जहां राजस्व पुलिस की व्यवस्था दो साल पहले ही खत्म हो चुकी है। नेपाल सीमा से लगे चंपावत जिले का समूचा इलाका नियमिति पुलिस के पास है।
चंपावत में विरोध प्रदर्शन में कोषाध्यक्ष कौशल चंद्र पुनेठा, अशोक कुमार विश्वकर्मा, चंद्रशेखर पंत, ईश्वरी राम, विनोद सिंह, जीवन रिंग्वाल, शुभम पुजारी, कमल किशोर, पुष्कर चंद, सपना ओली, हिना, साहिबा फातून, जीवंती कलौनी, जीवन भट्ट, विजय सिंह भंडारी, प्रकाश जोशी, सुरेश राम, उमेश नेगी, नवल किशोर आदि मौजूद थे। लोहाघाट, पाटी, बाराकोट, टनकपुर में भी प्रदर्शन किया गया।

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