भड़के अतिथि शिक्षक…मांगा अवकाश अवधि का मानदेय

मुख्य शिक्षाधिकारी से मुलाकात कर शीतावकाश और ग्रीष्मावकाश अवधि का मानदेय देने की मांग की
देवभूमि टुडे
चंपावत। अतिथि शिक्षकों ने शीत अवकाश के दिनों का मानदेय नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। 17 फरवरी को इसे लेकर अतिथि मुख्य शिक्षाधिकारी से मुलाकात कर शिक्षकों ने अपने गुस्से का इजहार किया। कहा कि अवकाश के दिनों का मानदेय नहीं मिलना उनके साथ नाइंसाफ है।
संगठन ने पहाड़ के अतिथि शिक्षकों को शीतावकाश और मैदान के शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश का मानदेय देने की मांग की है। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 2015 से 2024 तक उन्हें अवकाश अवधि का लगातार मानदेय दिया जाता रहा, लेकिन इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि उन्हें मानदेय से वंचित रखा गया है। शिक्षकों ने कहा कि शीतावकाश वाले स्कूलों में दिसंबर 2024 का मानदे‌य 24 दिसंबर तक का ही दिया गया है। अतिथि शिक्षकों का दावा है कि शिक्षा महानिदेशक के 22 जुलाई 2024 के पत्र के अनुसार online शिक्षण कार्य कराने पर मानदेय आहरित करने की बात कही गई थी। साथ ही दीर्घकालिक अवकाश की अवधि के मानदेय देने के जुलाई 2024 में आदेश भी जारी किए गए थे।
अल्प मानदेय में सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों का कहना है कि ऐसी हालत में उन‌के परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि online बैठक के बाद मानदेय नहीं मिलने पर बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार सहित आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी। संगठन के जिलाध्यक्ष सुभाष गिरि गोस्वामी, उपाध्यक्ष नवीन चंद्र पुनेठा, पाटी विकासखंड के अध्यक्ष प्रदीप गहतोड़ी, चंपावत के प्रदीप गोस्वामी, लोहाघाट के बसंत सिंह बोहरा, बाराकोट विकासखंड के अध्यक्ष निर्मल कुमार, मंजू, लक्ष्मी, चंचल सिंह कुंवर, मोहन चिल्कोटी,सोनिका मेलकानी सहित कई अतिथि शिक्षक मौजूद थे।
वहीं मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक शिक्षण कार्य होने पर ही मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। ऐसी दशा में अवकाश अवधि का मानदेय देना संभव नहीं होगा।

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