
GIC रौसाल में संस्कृत के प्रवक्ता ललित मोहन शिक्षक के अलावा सामाजिक कार्यों में भी दे रहे योगदान
‘महाकवि कालिदास के नाटकों में प्रकृति निरूपण एक समीक्षात्मक अध्ययन’ पर उन्हें यह PhD मिली
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत जिले के दूरस्थ रौसाल GIC के संस्कृत के प्रवक्ता ललित मोहन को PhD (डॉक्टर ऑफ फिलोस्पी) की उपाधि मिल गई है। संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरिओम आर्य के निर्देशन में ‘महाकवि कालिदास के नाटकों में प्रकृति निरूपण एक समीक्षात्मक अध्ययन’ पर उन्हें यह PhD मिली है। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय हरियाणा के दीक्षांत समारोह में 15 अक्टूबर को प्रवक्ता ललित मोहन को यह उपाधि मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिक्षा मंत्री महीपाल टांडा की मौजूदगी में कुलाधिपति बालकनाथ योगी ने दी।
शिक्षक ललित मोहन इंटर, BA, MA (संस्कृत व हिंदी) BEd की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है। शिक्षा के अलावा सामाजिक कार्यों में भी वे योगदान दे रहे हैं। बीते 3 वर्ष से योग प्राणायाम से नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत कर छात्र-छात्राओं को नशे और योग के प्रति जागरूक किया। शिक्षक ललित मोहन को MA संस्कृत में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के मेधावी छात्र के रूप में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी भी सम्मानित कर चुकी है। इस उपलब्धि पर संस्कृत देशक डॉ. वाजश्रवा आर्य, रौसाल जीआईसी के प्रधानाचार्य मोहन कलोनी, सिप्टी के प्रवक्ता सामश्रवा आर्य, शिक्षक सुरेश राम, भवानी देवी, गीता मोहन सहित शिक्षकों ने बधाई दी है।



