-फिर अपने परिवेश से- और -सुनो कि कविता कुछ कहती है- का विमोचन किया
चंपावत में पुस्तकों के विमोचन के अलावा काव्य गोष्ठी का भी आयोजन हुआ
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत के शिक्षाविद और नामचीन साहित्यकार डॉ. तिलकराज जोशी की काव्य व कहानी संग्रह का विमोचन किया गया। एसएसजे विश्वविद्यालय के रिटायर्ड कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह भंडारी ने डॉ. जोशी कि दोनों पुस्तकों (कहानी संग्रह -फिर अपने परिवेश से- व काव्य संग्रह -सुनो कि कविता कुछ कहती है-) का विमोचन किया। उन्होंने इन कृतियों की सरल शैली को पाठकों को सीख देने वाला बताते हुए बेहद उपयोगी बताया। पूर्व वीसी डॉ. भंडारी ने कहा कि डॉ. तिलक राज जोशी का लेखन व साहित्यिक योगदान नए व उभरते लेखकों को प्रेरित करने वाला है।
रविवार को डॉ. तिलक राज जोशी के काव्य संग्रह सुनो कि कविता कुछ कहती है.. और कहानी संग्रह फिर अपने परिवेश से.. का विमोचन किया गया। इस दौरान साहित्यकारों ने डॉ. तिलक राज जोशी की साहित्य साधना की सराहना करते हुए अनुकरणीय बताया। इन दो पुस्तकों से पहले सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य डॉ. जोशी की 23 कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने अब तक खंड काव्य, कविता संग्रह, काव्य संकलन, उपन्यासिका, कहानी संग्रह, शोध ग्रंथ, भक्ति साहित्य पर पुस्तकों की रचना की हैं। डॉ. सतीश पांडे के संचालन में हुए कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अमरनाथ वर्मा, प्रकाश जोशी शूल, जनार्दन उप्रेती, प्रकाश पुनेठा, डॉ. प्रमोद कुमार, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य राष्ट्रपति पुरस्कार डॉ. बीसी जोशी, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. कीर्ति बल्लभ शक्टा, प्रमोद कुमार क्षोत्रिय, सरोज यादव, इंद्रलाल वर्मा, डॉ. एमपी जोशी, भगवत पांडे, कुलदीप उप्रेती आदि साहित्यकार मौजूद थे।