उत्तराखंड में विधायकों के वेतन-भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी का विधानसभा से पारित हुआ है प्रस्ताव सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी-लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र के पात्र व जरूरतमंद युवाओं को वितरित करेंगे खेल सामग्र
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड में विधायकों के वेतन-भत्तों और सुविधाओं में वृद्धि करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विधायकों को करीब 1.10 लाख रुपये महीने अधिक मिलेंगे। राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बनने पर विधायकों को 4 लाख रुपये मासिक वेतन-भत्ते मिलेंगे। साथ ही उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा भी विधायकों को कर्मचारियों के समान ही मिलेगी। इस बढ़ोत्तरी को लेकर सोशल मीडिया में कई वर्ग सवाल उठाते रहे हैं। वहीं चंपावत जिले के एक पूर्व विधायक ने बढ़ी पेंशन राशि को अपनी विधानसभा क्षेत्र के युवाओं की खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए देने का ऐलान किया है।
लोहाघाट के दो (वर्ष 2012 से 2022 तक) बार विधायक रहे भाजपा नेता पूरन सिंह फर्त्याल ने सोशल मीडिया के जरिए ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गैरसैण में विधानसभा के मौजूदा सत्र में मौजूदा विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन एवं पेंशन में वृद्धि की है। फर्त्याल ने कहा कि इस बढ़ोत्तरी के बाद पूर्व विधायक के रूप में उन्हें मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन राशि का उपयोग वे खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे। इसके लिए लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र के तीनों विकासखंड लोहाघाट, पाटी और बाराकोट के अलावा लोहाघाट नगर पालिका क्षेत्र के पात्र और जरूरतमंद युवाओं को खेल सामग्री वितरित की जाएगी। खेलों के प्रोत्साहन से समाज में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण पैदा होने के साथ ही नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने में भी मदद मिलेगी।
भाजपा नेता पूरन सिंह फर्त्याल नशे और नशाखोरी के खिलाफ करीब एक दशक तक सफल आंदोलन चला चुके हैं। इस आंदोलन के जरिए नए स्थानों पर शराब की दुकानों को नहीं खोलने देना और नशा करने वालों के खिलाफ परिवार को जागरू करने का अभियान चलाया गया है। फर्त्याल का कहना है कि विधायक के रूप में दस साल तक मिले वेतन-भत्तों में से 50 प्रतिशत राशि जरूरतमंद लोगों और नौजवानों को विभिनन रूप से दी जाती रही थी। कमजोर आर्थिक वर्ग के व्यक्ति के विवाह, वार्षिक श्राद्ध में राशन किट, युवाओं को ट्रेक शूट, खेल सामग्री, ठंड से बचाव के लिए रजाई-कंबल आदि का वितरण कार्य करने के अलावा कोरोना काल में राशन वितरण भी किया जाता रहा।