ट्रैप कैमरों का वन अधिकारियों ने किया निरीक्षण…बाघ के खतरे वाले क्षेत्र में विभाग की गश्त बढ़ी

ग्रामीणों से आरक्षित वन क्षेत्र में नहीं जाने की वन विभाग की अपील
बाघ के हमले में बनबसा क्षेत्र में 23 मई को मारी गई थी एक महिला
देवभूमि टुडे
चंपावत/बनबसा/खटीमा। तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले बनबसा क्षेत्र के बाघ के खतरे वाले वन क्षेत्र में वन विभाग की गश्त जारी है। वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने के साथ ही इलाके में मुनादी भी करा रही है। खटीमा की उप प्रभागीय वनाधिकारी संचिता वर्मा के अलावा वन विभाग के पश्चिमी सर्किल के पशु चिकित्साधिकारियों की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा रेंज में बनबसा के हुड्डी नदी के नजदीक हेलागोठ क्षेत्र के जंगल में बाघ के हमले में 23 मई के पूर्वान्ह फागपुर बनबसा की मुन्नी देवी (32) बाघ के हमले में मौत हो गई थी। खटीमा के वन क्षेत्राधिकारी महेश चंद्र जोशी ने बताया कि विभाग गश्त और तमाम एहतियाती उपाय कर रहा है। लोगों को जागरूक करने के अलावा घने जंगल में नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। खटीमा की एसडीओ वर्मा और अन्य अधिकारियों ने वन क्षेत्र में लगाए गए तीन कैमरा ट्रैप का निरीक्षण किया। पशु चिकित्सक आयुष उनियाल, डॉ. बीएस पांगती, डॉ. गर्ग, जीव विज्ञानी प्रशांत कुमार के अलावा रेंजर महेश चंद्र जोशी, जीशान अली, विनोद कुमार, अहमद हुसैन आदि मौजूद थे।

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