आउटसोर्स से रखे गए लेखाकारों को हटाने और नई स्वीकृति नहीं मिलने से नाराज हैं कर्मी
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। आउटसोर्स के जरिए लंबे समय से काम कर रहे वन निगम कर्मियों ने लेखाकारों को हटाए जाने और काम करने की सालाना नई स्वीकृति नहीं मिलने के विरोध में प्रदर्शन किया। कर्मियों का आरोप है कि लंबे समय से लेखाकार के तौर पर काम कर रहे कर्मियों को नई भर्ती होने पर हटा दिया गया है। वहीं अभी तक सालाना स्वीकृति अन्य कार्मिकों को नहीं मिल पाई है।
निगम के डिपो नंबर दो में आउटसोर्स के जरिए काम कर रहे कार्मिकों ने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि वन विकास निगम में नई भर्ती आने पर दस साल से काम कर रहे आउटसोर्स से रखे गए कई लेखाकारों को हटा दिया गया है। अन्य कार्मिकों को हर वर्ष काम के लिए अप्रैल में मिलने वाली नई स्वीकृति अभी तक नहीं मिल पाई है। इससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। कहां गया कि वे पिछले छह वर्षों से वन निगम में काम कर रहे हैं। जबकि उत्तराखंड में इस समय 719 कार्मिक आउटसोर्स के माध्यम से काम कर रहे हैं। इन कर्मियों ने हटाए गए लेखाकारों को निगम में नहीं रखने और कार्मिकों के काम के लिए नई स्वीकृति मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में मनोज सिंह बिष्ट, विपिन कुमार, संजीव राणा, संदीप चंद, रोहित सिंह, दीपक सिंह बिष्ट, राज सिंह राणा, किशोर हर्बोला, मान्या शर्मा, अनीता चौहान, रिफल खातून, तनुजा बोहरा, अर्जुन कुमार, ललित मेहरा, नीरज जोशी, विक्रम कोरंगा, संजय शुक्ला, रोहित सिंह, सूरज, प्रकाश बिष्ट आदि शामिल थे। वहीं निगम प्रबंधन का कहना है कि सालाना वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।