प्रथम विश्व ध्यान दिवस…नाद योग ध्यान से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा

योग गुरु डॉ. नवदीप जोशी ने बताया ध्यान का महत्व
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस साल 6 दिसंबर को प्रस्ताव पारित कर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया था
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। मुख्य वक्ता योग गुरु डॉ. नवदीप जोशी ने कहा कि नाद योग ध्यान चिकित्सा से शरीर शांत व सहज होकर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। पहले विश्व ध्यान दिवस पर टनकपुर में आर्य समाज में नवयोग सूर्योदय सेवा समिति और आयुष विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नादयोग कार्यशाला में उन्होंने कहा कि नाद योग के अभ्यास से प्रतिरोधक क्षमता बढऩे के साथ मानसिक स्वास्थ्य (भूलने की बीमारी, एकाग्रता में कमी, तनाव व उदासी) की दिक्कतों में भी कमी आती है। 6 दिसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से एक प्रस्ताव पारित कर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया था।
डॉ. देवीदत्त जोशी ने कहा कि ध्यान का महत्व प्राचीन परंपराओं से लेकर आधुनिक विज्ञान तक है। ध्यान के जरिए सहज तरीके से समग्र स्वास्थ्य और आध्यात्मिक राह तक हासिल की जा सकती है। डॉ. मनुश्रवा आर्य ने भी योग व ध्यान का महत्व बताया। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.आनंद सिंह गुसाई की अध्यक्षता और टनकपुर के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद कुमार के संचालन में हुए कार्यक्रम में डॉ. सुरेश कुमार, बीना अग्रवाल, अंकित शुक्ला, कुमुद जोशी, विकास जोशी, महेश जोशी, विकास कुमार सहित बड़ी संख्या में लोगों ने नाद योग ध्यान का अभ्यास किया। डॉ. नवदीप जोशी ने बताया कि नाद योग एक प्रकार से ध्वनि और स्वर के जरिए आंतरिक परिवर्तन की प्राचीन भारतीय प्रणाली है। नाद योग की साधना में ध्वनि कंपन और प्रतिध्वनि का प्रयोग करके मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक समस्याओं का इलाज किया जाता है।

error: Content is protected !!