आधा हेक्टेयर से अधिक वन संपदा को हुआ नुकसान
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। गर्मी और तापमान बढऩे के साथ कहीं पानी की किल्लत शुरू हो गई है, तो कहीं जंगलों पर खतरा मंडराने लगा है। लोहाघाट क्षेत्र में लोगों को हर दिन पानी नहीं मिल रहा है। एक दिन छोड़कर पानी की जल संस्थान आपूर्ति कर रहा है। वहीं लोहाघाट क्षेत्र के भुमलाई और मझेड़ा के जंगलों में आग भी धधकने लगी है। आग से आधा हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
पर्यावरण को बचाने में मददगार गणेश पुनेठा, सुरेश राम, गणेश सिंह, शंकर सिंह, दीपक सिंह बिष्ट आदि ने बताया कि बुधवार शाम से भुमलाई के रामाटाक तोक के जंगल में भीषण आग लग गई। जंगल की आग से बांज, बुरांश, चीड़, देवदार आदि प्रजातियों के छोटे बड़े पेड़ जलने के साथ जंगली जानवरों व पक्षियों के आशियानों पर भी असर पड़ा है। रात भर जंगल में धधकी आग ने तेज हवाओं के साथ और विकराल रूप लिया। आरोप है कि इन जलते जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग ने हाथपांव नहीं मारे। जंगल में आग लगने से क्षेत्र में धुंए का गुबार फैल गया। न केवल वन संपदा को नुकसान हुआ, बल्कि बुजुर्गों, सांस के मरीजों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। वहीं मझेड़ा के जंगलों में भी आग लगने से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। वन क्षेत्राधिकारी दीप चंद्र जोशी ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलने के बाद वन कर्मियों ने आग पर काबू पाया। उन्होंने लोगों से जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों की सूचना वन विभाग को देने की अपील की है।