पूर्णागिरि देवी दर्शन की तमन्ना रह गई अधूरी…महिला श्रद्धालु की मौत

तपती गर्मी और चढ़ाई में पैदल पूर्णागिरि दर्शन के लिए जा रही कासगंज की महिला श्रद्धालु की dehydration से मौत
देवभूमि टुडे
चंपावत/पूर्णागिरि धाम। 38 साल की गुड्डी की मां पूर्णागिरि देवी के दर्शन की तमन्ना अधूरी रह गई। देवी के प्रति अगाध प्रेम के चलते महिला ठुलीगाड़ से ही परिवार संग पैदल चल दी। ठुलीगाड़ करीब 12 किलोमीटर का फासला तय कर देवी दरबार पहुंचना था, लेकिन अभी छह किलोमीटर दूर हनुमानचट्टी तक ही पहुंच सकी थी कि dehydration से महिला श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ गई। एकाएक हुए इस वाकये से परिजन सन्न रह गए। दर्शन जाना छोड़ महिला को लेकर टनकपुर अस्पताल गए, लेकिन महिला श्रद्धालु को नहीं बचाया जा सका।
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले की निवासी गुड्डी देवी (38) पत्नी डाल चंद परिवार के साथ पैदल ही पूर्णागिरि के दर्शन के लिए जा रही थी। नौ बजे करीब हनुमानचट्टी के पास पहुंचते ही उसे अचानक उल्टी आने लगी और कुछ देर बाद वह अचेत हो गई। पुलिस की मदद से एंबुलेंस से महिला को टनकपुर उप जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई। डॉ. मानवेंद्र शुक्ला ने बताया कि dehydration के कारण महिला की मौत हो गई। टनकपुर थाने के प्रभारी बीएस बिष्ट ने बताया कि महिला का पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

गुड्डी देवी। (फाइल फोटो)

तपती गर्मी और तीखी चढ़ाई में सजग और सावधान रहें श्रद्धालु
चंपावत। तपती गर्मी और तीखी चढ़ाई के बीच मां पूर्णागिरि धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी चुनौती बढ़ रही है। धाम जाने के लिए भैरव मंदिर से करीब पौने चार किलोमीटर सीधी चढ़ाई को पैदल तय करना होता है। और बढ़ी संख्या में श्रद्धालु ठुलीगाड़ और बूम से भी पैदल ही देवी दर्शन के लिए निकलते हैं। ऐसे में 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक के तापमान के बीच चढ़ाई चढऩा मुश्किल भरा होता है। चिकित्सकों का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने से ऐसे में कम रक्तचाप वाले लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ जाती है। सावधानी नहीं बरतने पर जान जाने का अंदेशा भी रहता है। इससे बचने के लिए पानी, ओआरएस का घोल, नींबू, संतरा आदि का सेवन करें।
शरीर में कम न होने दें पानी की मात्रा: सीएमओ
‘गर्मी में तापमान बढ़ने से उल्टी-दस्त के साथ डिहाईड्रेशन की दिक्कत आम है। शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें। नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। ओआरएस का घोल और जिंक दवा ले लें। जरूरत पडऩे पर चिकित्सक से सलाह लें। पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की मदद के लिए ठुलीगाड़, भैरव मंदिर और काली मंदिर में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। इन स्थानों पर जाकर उपचार कराएं।’

डॉ. केके अग्रवाल,
मुख्य चिकित्साधिकारी, चंपावत।
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