धर्म-संस्कृति-परंपराःगौरा-महेश्वर की स्थापना…सातूं-आठूं पर्व शुरू

चंपावत सहित जिले के कई हिस्सों में भव्य कार्यक्रम, जिंडी गांव में 8 दिनी गौरा महोत्सव का श्रीगणेश
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत सहित जिले के कई क्षेत्रों में गौरा-महेश्वर की स्थापना के साथ सातूं-आठूं पर्व शुरू हो गया है। चंपावत के मल्लीहाट में जानकी बिष्ट के आवास में निर्मला पांडेय, शांति पटवा, दीपा तिवारी, मंजू साह, आशा खर्कवाल, सरोज पांडेय, हेमलता जोशी, प्रियंका तिवारी, भावना तिवारी, हेमा गड़कोटी सहित दर्जनों महिलाएं थीं। महिलाओं ने देर शाम तक गौरा गायन किया। ग्यानीसेरान में भी गौरा महेश व गणेश जी की प्रतिमा को प्रतिष्ठा के लिए ले जाया गया। बाद में विधि विधान के साथ उनकी स्थापना की गई। मां पूर्णागिरि धाम में भैरव मंदिर में श्यामबेड़ा में कार्यक्रम हुआ।

नेपाल सीमा के करीब चमदेवल क्षेत्र के जिंडी गांव में 8 दिनी गौरा देवी महोत्सव का शुभारंभ हुआ। चमदेवल के चौखाम बाबा मंदिर से गौरा देवी की प्रतिमा को ग्रामीण डोले में सजाकर जिंडी के देवी थान के गौरा देवी मंदिर तक ले गए। दोपहर बाद गौरा देवी महोत्सव का शुभारंभ भाजपा जिला उपाध्यक्ष मोहित पाठक और जिला पंचायत सदस्य प्रीति पाठक ने रिबन काटकर किया। गुमदेश क्षेत्र के चमदेवल, जिंडी, लुपड़ा, नरसों, सुनकुरी, निडिल सहित गंगनौला, भरछाना, बाराकोट विकासखंड के नौमाना आदि गांवों में भी गौरा महेश्वर की स्थापना कर गौरा गीतों का गायन शुरू हो गया। पुरुषों ने गौरा, धूमारी, चाली का गायन और नृत्य किया। इस दौरान मदन कलौनी, कल्यान चंद, गुमान चंद, बृजमोहन, लक्ष्मण चंद, त्रिलोक चंद, रीता देवी, पुष्पा कलौनी, शंकर चंद, चंद्री चंद, निर्मल चंद, गुमान राम, जोगा राम, हयात राम, बेनीराम आदि मौजूद थे।
टनकपुर दयानंद इंटर काँलेज में हुई राधा-कृष्ण नृत्य प्रतियोगिता
चंपावत/टनकपुर। नारी सेवा संस्था द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर टनकपुर के दयानंद इंटर काँलेज में राधा-कृष्ण नृत्य प्रतियोगिता हुई। संस्था के अध्यक्ष राजीव आर्य की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सत्यप्रकाश गुप्ता रहे। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले 42 बच्चों को संस्था की ओर से पुरस्कृत किया गया। शम्मी कोहली के संचालन में हुए कार्यक्रम में नारी सेवा संस्था टनकपुर की संरक्षिका निधि गुप्ता, कल्पना आर्य, विम्मी आर्य, विद्यालय प्रबंधक मनुश्रवा आर्य, अंकुर टंडन, अतुल शारदा आदि मौजूद थे।

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