हाथी का हमला…पूर्णागिरि मार्ग पर तहस-नहस की रसोई

रात्रि गश्त के साथ मुआवजे की गैडाखाली के ग्रामीणों ने मांग की
पूर्णागिरि के जमरानी व राजुड़ा गांव के पास भी अक्सर दिख रहा है गजराज
देवभूमि टुडे
चंपावत। पूर्णागिरि क्षेत्र में हाथी की दहशत कम नहीं हो रही है। 18 अप्रैल की रात से पूर्णागिरि मार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में गजराजों के विचरण करने से क्षेत्रीय लोग और पूर्णागिरि देवी दर्शन के लिए आ-जा रहे श्रद्धालुओं में दहशत है। तीर्थ यात्रियों से लेकर क्षेत्र के लोगों तक में खौफ है। वहीं अब हाथी ने पूर्णागिरि मार्ग पर गैडाखाली के पास एक ग्रामीण की रसोई को तहसनहस कर रसोई के सामान को नुकसान पहुंचाया है।
15 मार्च से शुरू पूर्णागिरि के सरकारी मेला का काफी हिस्सा वन क्षेत्र है। पंडित राजू तिवारी सहित क्षेत्र के पुजारियों और ग्रामीणों का कहना है कि 18 अप्रैल की रात से इस क्षेत्र के जंगल से पूर्णागिरि के जमरानी और राजुड़ा गांव की ओर हाथी की दस्तक है। सड़क से गुजरते हाथी से ना केवल ग्रामीण दहशत में आ गए, बल्कि पूर्णागिरि देवी दर्शन के लिए आने और जाने वाले श्रद्धालु भी चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में भय का माहौल है।
वहीं गत रात्रि हाथी ने पूर्णागिरि मार्ग से लगे गैडाखाली नंबर 3 गांव की द्रौपदी देवी की कच्ची व भरत लाल की पक्की रसोइ को तहस-नहस कर दिया। रसोई में रखे गेहूं, आटा, चावल, बर्तनों सहित कई सामान को बर्बाद कर दिया। जानकारी के बाद वन विभाग की टीम ने जैसे तैसे हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ा। शारदा रेंज के वन दरोगा एसएस बिष्ट ने क्षति का मौका मुआयना किया। ग्रामीणों ने नुकसान की भरपाई के साथ वन विभाग से रात्रि में गश्त करने की मांग की है।

प्रतीकात्मक फोटो।
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