दिल्ली में फार्मास्युटिकल कंपनी में आरएम थे बाराकोट नदेड़ा के प्रयाग दत्त जोशी
गमगीन हैं बाराकोट क्षेत्र के लोग
देवभूमि टुडे
चंपावत/फरीदाबाद। कुत्ते के काटने से मौत का दर्दनाक वाकया सामने आया है। दिल्ली में एक फार्मास्युटिकल कंपनी के रीजनल मैनेजर प्रयाग दत्त जोशी (41) की मौत हो गई।
बाराकोट के नदेड़ा, बरदाखान के प्रयाग दत्त जोशी फरीदाबाद रहते थे। उन्हें 26 फरवरी को कुत्ते ने काट लिया था। उन्हें एंटी रेबीज के इंजेक्शन भी लगाए जा रहे थे। होली तक प्रयाग पूर्ण रूप से स्वस्थ थे, उन्होंने बदरपुर दिल्ली में होने वाली पहाड़ी खड़ी होली में पूरे उमंग के साथ हिस्सा भी लिया था। होली के बाद तबीयत खराब होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स ले जाया गया। मुखर्जी नगर में रेबीज वार्ड में आइसोलेट किया गया था, लेकिन रेबीज से 29 मार्च की रात उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट में किया जाएगा। लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच सहित बाराकोट क्षेत्र के लोगों ने उनके आकस्मिक निधन पर शोक जताया है। लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच बाराकोट के अध्यक्ष नागेंद्र कुमार जोशी बताते हैं कि बाराकोट क्षेत्र से इलाज के लिए दिल्ली जाने वालों का प्रयाग दत्त जोशी बहुत बड़ा सहारा हुआ करते थे।
कुत्ते के काटने में कतई न बरतें लापरवाहीः
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि किसी को कुत्ते ने काट लिया है, तो संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए प्राथमिक इलाज जरूरी है। यदि घाव गहरा है, तो तत्काल इलाज जरूरी है। चंपावत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केके अग्रवाल कहते हैं कि कुत्ते के काटने के बाद सबसे पहले खतरा घाव के संक्रमण का रहता है। जहां तक बात रेबीज वायरस की है तो यह संक्रमित जानवर के लार के घाव के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है। रेबीज संक्रमण के लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं, जिसमें कमजोरी या बेचैनी, बुखार या सिरदर्द की समस्या होती है। काटने वाली जगह पर चुभन या खुजली भी बनी रह सकती है।
इस प्रकार के संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए कुत्ते के काटने के आठ घंटे के भीतर रेबीज का इंजेक्शन लगवाना आवश्यक माना जाता है।
कुत्ते के काटने का प्राथमिक इलाजः
कुत्ते के काटने वाली जगह पर यदि घाव नहीं है, तो उस हिस्से को गर्म पानी और साबुन से धो लें। एहतियात के तौर पर जीवाणुरोधी लोशन भी लगा सकते हैं। यदि काटने के बाद वहां जख्म है तो उस हिस्से को धोने के बाद कोई एंटीसेप्टिक लगाएं और तुरंत रेबीज के इंजेक्शन लगवाएं।
इन बातों का ध्यान रखें:
कुत्ते के काटने के बाद प्रारंभिक तौर पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है।
सबसे पहले घाव को धो लें। गुनगुने पानी और साबुन का प्रयोग करें।
किसी साफ कपड़े की मदद से रक्तस्राव को कम करने की कोशिश करें।
एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं। प्राथमिक घरेलू उपायों के बाद तुरंत डॉक्टर से मिलें।
डॉक्टर की सलाह पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं।
कुत्ते के काटने के लक्षणों जैसे लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार आदि पर विशेष ध्यान रखें। इसके बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।