ROADWSYS बस के 28 यात्रियों की हलक में आई जान
लोहाघाट से हल्द्वानी जा रही थी बस DRIVER नारायण दत्त थ्वाल की सूझबूझ से बच गई 28 जिंदगियां
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। अल्मोड़ा के सल्ट हादसे में 4 नवंबर की सुबह 36 यात्रियों की मौत हुई और 4 नवंबर की रात टनकपुर-जौलजीबी रोड पर तल्लादेश में खेत गांव के पास तामली पुलिस की वैन के लुढ़कने से 4 पुलिस कर्मी जख्मी हुए। और एक दिन बाद चंपावत के कोट अमोड़ी में भी सल्ट जैसी घटना हो सकती थी। रोडवेज बस का एकाएक ब्रेक फेल हो गया। बस में अफरातफरी मच गई। 28 यात्रियों की जान हलक में आ गई। वो तो रोडवेज के चालक की सूझबूझ थी कि उन्होंने बस को खाई से बचाते हुए दीवार की तरफ टकरा कर एक बड़ी अनहोनी को बचा लिया। इससे बस में सवार सभी मुसाफिर बाल-बाल बच गए।
5 नवंबर अपरान्ह का वक्त। रोडवेज के लोहाघाट डिपो की बस संख्या (UK 07 PA 2812) लोहाघाट से चंपावत होते हुए सरपट हल्द्वानी को दौड़ रही थी। घड़ी में अपरान्ह करीब डेढ़ बजा था, तभी टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंपावत से करीब 29 किलोमीटर कोट अमोड़ी के पास बस के ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया। DRIVER नारायण दत्त थ्वाल ने ढलान में जा रही बस का ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन बस का ब्रेक नहीं लगा। ब्रेक फेल होने की भनक लगते ही यात्रियों में हाहाकार मच गया। लेकिन इसी बीच चालक थ्वाल ने हिम्मत और सूझबूझ दिखाते हुए बस को दीवार के सहारे रोक कर किसी तरह नियंत्रण में लिया। और एक बड़ी दुर्घटना से बचा दिया। इसके बाद यात्रियों की जान में जान आई। उन्होंने चालक की समझदारी के लिए प्रशंसा की। परिचालक शुभम शर्मा ने बताया कि बस में सवार सभी यात्रियों को ऋषिकेश जा रही बस से टनकपुर तक रवाना किया गया। चालक ने बताया कि डिपो से निकलने से पूर्व बस की रूटीन चेकिंग की गई थी। इधर लोहाघाट डिपो के सहायक मंडलीय प्रबंधक धीरज वर्मा ने बताया कि रूट पर भेजे जाने से पूर्व सभी बसों की जांच की जाती है। इस बस की भी की गई थी। यात्रियों को कोट अमोड़ी से दूसरी बस से आगे को रवाना किया गया। यह पता नहीं चल सका है कि बस पहाड़ में चलने के निर्धारित किलोमीटर चलने के मानक पूरे कर चुकी है या नहीं?