नौ सूत्रीय मांगों को लेकर उठा रहे हैं आवाज
देवभूमि टुडे
चंपावत। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आज 18 सितंबर से काला फीता बांध विरोध शुरू किया। सेवा संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष डॉ. प्रदीप सिंह बिष्ट ने बताया कि चिकित्सकों ने काला फीता बांध ड्यूटी दी। काला फीत बांध विरोध 21 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद कार्य बहिष्कार किया जाएगा। काला फीता बांधने वालों में डॉ. अजय कुमार, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. राशी भटनागर, डॉ. गौरांग जोशी, डॉ. रीना यादव सहित तमाम चिकित्सक शामिल थे।
चिकित्सा सेवा संघ का कहना है कि डॉक्टरों की मांगों पर शासन और विभागीय स्तर पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 15 दिनों के भीतर मांगों का समाधान करने का भरोसा दिया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई और वार्ता नहीं हुई है। जिससे संघ ने 18 सितंबर से सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर डॉक्टर हड़ताल की चेतावनी दी है।
ये हैं मांगें:
एसडीएसीपी, डीपीसी, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा की तरह 50 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय, नैनीताल जिला मुख्यालय, टिहरी जिला मुख्यालय और मसूरी को पहले की तरह सुगम से दुर्गम में वर्गीकृत्त किया जाए, मासिक वाहन भत्ता, एनएचएम में ओसी की व्यवस्था समाप्त करने की मांग, पीजी करने जा रहे चिकित्सकों को पूर्ण वेतन और प्रोटेक्शन एक्ट का अनुपालन और उपयोग तथा प्रत्येक जिला व उप जिला अस्पताल में पुलिस तैनाती।