डीएम नवनीत पांडे ने वैकल्पिक मार्ग की संभावनाएं तलाशने के लिए किया स्थलीय निरीक्षण, चंपावत से स्वांला तक 40 किलोमीटर की होगी सड़क
देवभूमि टुडे
चंपावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के danger point के मद्देनजर अब टनकपुर से चंपावत के बीच वैकल्पिक मार्ग की कवायद शुरू हो गई है। इसे लेकर डीएम नवनीत पांडे ने सिप्टी-पुनाबे-न्याड़ी मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मार्ग का लफड़ा-स्यूली-बूढ़ाखेत से मिलन होने पर घुरचुम-पाली-अमोड़ी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग के अमोड़ी तक पहुंचा जा सकता है। डीएम ने इस संभावना को तलाशने के साथ सड़क निर्माण एजेंसियों से जानकारी ली।
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने से अक्सर हाईवे बंद होते रहता है। इस मानसून सीजन में स्वांला के पास मलबा आने से 12 से 29 सितंबर तक हाईवे बुरी तरह सा बाधित रहा। अभी भी स्वांला के उस danger zone को पूरी तरह दुरूस्त नहीं किया जा सका है। राजमार्ग लंबे समय तक बंद होने से जहां यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में जरूरी चीजों का संकट खड़ा हो जाता है। प्रशासन लंबे समय से नेशनल हाईवे के वैकल्पिक मार्ग तैयार करने के प्रयासों में जुटा है। वैकल्पिक मार्ग बनने से भविष्य में इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मोहन सिंह पलडि़या ने बताया कि पुनाबे-सिप्टी सड़क मार्ग लफड़ा-स्यूरी-बूढ़ाखेत मार्ग से जोड़े जाने हेतु बूढ़ाखेत में क्वेराला नदी में एक मोटर पुल बनाए जाने से समस्या का समाधान हो सकता है। स्थाई मोटर पुल निर्माण के लिए एडीबी द्वारा एटी को प्रस्ताव भेजा गया है। तत्कालिक व्यवस्था हेतु लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड, चंपावत की ओर से बूढ़ाखेत में वैली द्वीप लगाए जाने का कार्य गतिमान है। डीएम ने ग्रामीणों से भी सड़क निर्माण के संबंध में बात की। बताया कि इन सड़कों के आपसी मिलान से सिप्टी- अमकडि़या क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएगा, वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय से स्वांला तक 40 किलोमीटर का वैकल्पिक मार्ग भी मिल जाएगा। वैसे एनएच में चंपावत से सीधे स्वांला की दूरी 22 किमी है। निरीक्षण के दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारी और अन्य लोग मौजूद थे।