आपदा पीड़ितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता:DM

दियूरी, अमोड़ी, छतकोट आदि क्षेत्रों का मुआयना कर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने जाने आपदा के जमीनी हालात
भू-कटाव रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार करने की दी हिदायत
देवभूमि टुडे
चंपावत। DM मनीष कुमार ने नदी में जरूरत के मुताबिक चैनलाइजेशन कर भू-कटाव रोकने के अधिकारियों को निर्देश दिए। ग्राम पंचायत दियूरी के बिलौना तोक के निरीक्षण के दौरान उन्होंने बिलौना में भू-कटाव रोकने के लिए नाले का वैज्ञानिक तरीके से ट्रीटमेंट कराने को कहा। लधिया नदी से हो रहे भू-कटाव का राजस्व, कृषि एवं अन्य संबंधित विभागों को संयुक्त रूप से सर्वेक्षण और किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर त्वरित मुआवजा देने के अफसरों को निर्देश दिए। भू-कटाव रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों स्तरों पर कार्ययोजना बनाकर क्रियांवयन सुनिश्चित किया जाएगा।
3 सितंबर को उन्होंने ग्राम पंचायत दियूरी के बिलौना तोक, अमोडी, छतकोट आदि का स्थलीय निरीक्षण किया। नदी के तेज प्रवाह के कारण भू-कटाव को रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों स्तरों पर कार्ययोजना बनाकर क्रियांवयन सुनिश्चित किया जाएगा। भू-कटाव से प्रभावित हो रहे क्षेत्र में स्वयं ट्रॉली पार कर प्रत्यक्ष रूप से स्थिति का आकलन किया। ग्रामीणों ने बताया कि लधिया नदी के तेज बहाव के कारण लगातार भू-कटाव हो रहा है। DM ने कहा कि जहां भी जरूरी हो, प्रभावित परिवारों के सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहा कि राहत और सुरक्षा कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बाद में उन्होंने अमोड़ी के डिग्री कॉलेज, पैरामाउंट पब्लिक स्कूल और छतकोट ग्राम सभा में हो रहे भू-कटाव का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं। भू-कटाव से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएं। कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चों और ग्रामीणों की जानमाल की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। प्रशासन पूरी गंभीरता और संजीदगी से उनके साथ है। निरीक्षण के दौरान SP अजय गणपति, SDM अनुराग आर्या, लोनिवि के अधिशासी अभियंतासुं मोहन चंद्र पलड़िया, सुंदर बोहरा, गुमान बोहरा, दीपक बोहरा, पानदेव भट्ट सहित सिंचाई, विद्युत, कृषि, उद्यान व अन्य अधिकारी सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

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