एक महिला ने लगाया है दुष्कर्म का आरोप 12 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई देवभूमि टुडे
चंपावत। एक विवाहिता के साथ दुष्कर्म के आरोपित जिला युवा कल्याण अधिकारी को अदालत ने शुक्रवार को अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने जमानत देने से पहले टिप्पणी करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने खुद के अविवाहित या तलाकशुदा होने का उल्लेख नहीं किया है। यह भी नहीं बताया कि पिछले 18 वर्षों से उसकी स्वयं की वैवाहिक स्थिति क्या थी।
40 वर्षीय महिला ने एक अप्रैल को कोतवाली में तहरीर देकर जिला युवा कल्याण अधिकारी एमएस नगन्याल पर शादी का आश्वासन देकर 18 वर्षों से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा गाली गलौच व मारपीट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई। सत्र न्यायाधीश के यहां प्रस्तुत प्रार्थनापत्र में अभियुक्त के अधिवक्ता नईम अहमद सिद्दीकी ने कहा कि प्रार्थी शादीशुदा है। उसके दो बालिग बच्चे हैं। शिकायतकर्ता महिला भी विवाहिता है। उसके भी दो बालिग बच्चे हैं। उसका पति सरकारी विभाग में सेवारत है। शिकायतकर्ता ने पूर्व में बैंक से ऋण लेकर माँल खोला था। जिसमें प्रार्थी गारंटर था। तब प्रार्थी व महिला के पति रुद्रपुर में कार्यरत थे। पति से परिचय होने के कारण प्रार्थी बैंक गारंटर बना था। ऋण अदा न करने पर बैंक ने शिकायतकर्ता की चल-अचल संपत्ति कब्जे में ले ली। तब महिला घर का सामान लेकर एक दिन रुद्रपुर उसके सरकारी क्वार्टर पर आसरा लेने पहुंची। इंसानियत के नाते उसे रहने की जगह दी। तब प्रार्थी अपने बच्चों के साथ हल्द्वानी में रहा करता था। 2022 में चंपावत स्थानांतरण हो गया। बीते दिनों महिला पिथौरागढ़ जाने के लिए वाहन न मिलने की बात कहकर कमरे में रहने की जिद पर अड़ गई। मना करने पर 12 लाख रुपये की मांग करने लगी। सत्र न्यायाधीश कहकशा खान ने देश नहीं छोड़ने, शिकायतकर्ता को प्रभावित नहीं करने समेत अन्य शर्त पर नगन्याल को जमानत प्रदान की। अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।