

वेदों की ओर चलो-का हुआ उदघोष
चंपावत के बालेश्वर मंदिर परिसर में वेद, पुराणों और नदी सभ्यता पर हुआ मंथन
देवभूमि टुडे
चंपावत। योग विज्ञान विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के चंपावत परिसर के शिक्षकों ने वेद, पुराण, नदियों और योग पर मंथन किया। इस वर्ष नमामि गंगे कार्यक्रम ने नई पहल करते हुए योग शिविरों के साथ-साथ आसपास स्थित मंदिरों और मठों में वेद, पुराणों और नदी सभ्यता पर विशेष चर्चा की जा रही है।
चंपावत के बालेश्वर मंदिर परिसर में कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सी हॉक के चेयरमैन नरेंद्र सिंह लडवाल, मंदिर के महंत पवन गिरि, वेद-पुराणों के जानकार डॉ. कीर्ति बल्लभ सक्टा और आचार्य शंकर दत्त भट्ट ने दीप प्रज्जवलित किया। डॉ. सक्टा ने बताया कि वेद हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। ऋग्वेद ,यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की जानकारी दी। योग शिक्षक डॉ. भागीरथी सौन ने बताया कि सामवेद संगीत का वेद है। इस वेद में बताया गया है कि जैसा हम संगीत गाते है या सुनते है, वैसी ही हमारी शारीरिक मानसिक स्थिति हो जाती है। विश्वविद्यालय के योग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 1 जून तक उत्तराखंड के कई मठ मंदिरों में वेद पुराण एवं योग पर चर्चा की जाएगी। ज्योति पंत के संचालन में हुए कार्यक्रम में दीपा, रश्मि, हिमांशु, मंजू, रेखा, दीपक, कमल, पूजा, योगिता आदि मौजूद थे।

