अवकाश अवधि के मानदेय को मोहताज अतिथि शिक्षक…करेंगे आंदोलन

शीतावकाश और ग्रीष्मावकाश अवधि का मानदेय देने की मांग की
चंपावत के अतिथि शिक्षकों ने online बैठक करने के बाद CEO को ज्ञापन दिया
देवभूमि टुडे
चंपावत। अतिथि शिक्षकों ने अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। संगठन ने कहा कि अवकाश के दिनों का मानदेय नहीं मिलना अन्याय और दोहरेपन का दर्शाता है। संगठन ने मुख्य शिक्षाधिकारी को ज्ञापन दे पहाड़ के अतिथि शिक्षकों को शीतावकाश और मैदान के शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश का मानदेय देने की मांग की है।
अतिथि शिक्षकों ने कहा कि एक ओर शिक्षा मित्रों को सालभर मानदेय दिया जाता है, लेकिन वहीं माध्यमिक स्तर पर अतिथि शिक्षकों को अवकाश के दिनों का वेतन नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों ने कहा कि शीतावकाश वाले स्कूलों में दिसंबर 2024 का मानदे‌य 24 दिसंबर तक का ही दिया गया है। साथ ही जनवरी का मानदेय नहीं देने की शिक्षाधिकारी मौखिक जानकारी दे रहे हैं। जबकि महानिदेशक के 22 जुलाई 2024 के पत्र के अनुसार अवकाश वाली अवधि में online शिक्षण कार्य कराने पर मानदेय आहरित करने की बात कही गई थी। लेकिन इस आदेश की अनदेखी की जा रही है।
अल्प मानदेय में सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों का कहना है कि ऐसी हालत में उन‌का पारिवारिक भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है। अतिथि शिक्षकों ने मानदेय नहीं मिलने पर आंदोलन की रणनीति पर मंत्रणा करने के साथ आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। चंचल सिंह कुंवर के संचालन में हुई अतिथि शिक्षकों की online बैठक में अशोक कुमार, दिनेश चंद्र, विनोद तितियाल, ललित मोहन, सुरेंद्र कुमार, पुष्पा, संजू, पवन, मानसी, कमला राजेंद्र, हेमा, सुधीर सहित कई अतिथि शिक्षक मौजूद थे। बैठक के बाद CEO को ज्ञापन दिया गया।
मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक शिक्षण कार्य ने पर ही मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों द्वारा भेजी शिक्षण रिपोर्ट के आधार पर खंड शिक्षाधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे।

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