वेतन पर रार…पालिका में आरपार…धरने पर पर्यावरण मित्र

टनकपुर नगरपालिका के कंपनी के 35 पर्यावरण मित्रों को 2 माह से नहीं मिला वेतन, कल 11 मार्च को वेतन ना मिला, तो होली के फीकी होने का खतरा
EO का पक्ष-उन्होंने वेतन के चेक पर 4 मार्च को हस्ताक्षर कर चेक पालिकाध्यक्ष को भेजा
अध्यक्ष का पक्ष: न धरने का नोटिस मिला ना पर्यावरण मित्र पालिका के कर्मी
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका टनकपुर के 35 पर्यावरण मित्रों को 2 माह से वेतन नहीं मिला है। इन पर्यावरण मित्रों ने आज 10 मार्च को विरोध जताते हुए सांकेतिक धरना दिया। उनके धरने को अन्य कर्मियों ने भी समर्थन दिया। उन्होंने होली से पूर्व के अंतिम कार्यदिवस 11 मार्च को वेतन नहीं मिलने पर होली बाद विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पालिका के 26 से अधिक नियमित पर्यावरण मित्रों और समितियों से रखे गए 11 पर्यावरण मित्रों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा है। लेकिन ठेके पर रखे गए पालिका के 35 पर्यावरण मित्रों की जनवरी व फरवरी की पगार नहीं मिली है। पर्यावरण मित्र संजय वाल्मीकि का कहना है कि KPS कंपनी रुद्रपुर के ठेकेदार से 10 मार्च को वेतन को लेकर पर्यावरण मित्र वार्ता करने गए थे। लेकिन बात नहीं बनने पर पर्यावरण मित्रों ने धरना देकर सांकेतिक विरोध जताया। उन्होंने बताया कि EO ने वेतन के चेक पर 4 मार्च को हस्ताक्षर किए है, लेकिन पालिकाध्यक्ष ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसे लेकर कल 11 मार्च को फिर से वार्ता की जाएगी।


EO भूपेंद्र प्रकाश जोशी का पक्षः
KPS कंपनी का द्वारा 3 मार्च को उन्हें वेतन बिल दिए गए। पर्यावरण मित्रोँ के वेतन के चेक पर 4 मार्च को हस्ताक्षर कर दिए हैं। वेतन के चेक को संस्तुति के साथ अध्यक्ष के हस्ताक्षर के लिए भेज दिए हैं। लेकिन अभी तक अध्यक्ष ने हस्ताक्षर नही किए। आज पर्यावरण मित्रों के प्रदर्शन में उन्होंने और पालिका के अन्य कर्मियों ने समर्थन दिया।

भूपेंद्र प्रकाश जोशी।

पालिकाध्यक्ष विपिन कुमार का पक्षः
EO उन्हें और कई सभासदों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। पर्यावरण मित्रों का वेतन हमारे कार्यकाल का नहीं है। अगर पर्यावरण मित्रों का कोई भुगतान बकाया भी है, तो उसकी अदायगी KPS कंपनी को करनी है। आज 10 मार्च को पर्यावरण मित्रों का जबरन धरना कराने के लिए भड़काया गया। पर्यावरण मित्र ना पालिका के कर्मी हैं और ना उन्होंने (पर्यावरण मित्रों) धरने का कोई नोटिस दिया है। उन्होंने (पालिकाध्यक्ष) ने कोई धरना नहीं दिया, बल्कि समस्याओं के निस्तारण के लिए बैठक आहूत की थी।

विपिन कुमार।
error: Content is protected !!