CM धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया, बनबसा एनएचपीसी विश्रामगृह में आपदा से बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की, आपदा पीडि़तों से भी मिले मुख्यमंत्री
देवभूमि टुडे
चंपावत/बनबसा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा पीडि़तों को तत्काल राहत राशि बांटे। मुआवजे की राशि वितरण में किसी तरह की देरी न की जाए। शारदा, हुड्डी व किरोड़ा नाले को आपदा में हुए नुकसान के स्थाई समाधान के लिए प्रस्ताव फौरन शासन को भेजें। बनबसा के एनएचपीसी विश्रामगृह में 21 सितंबर की शाम अधिकारियों की बैठक में उन्होंने आपदा से बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की। टूटी सड़कों की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर किया जाए। इसमें किसी भी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि आपदा प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने में कतई हीलाहवाली न हो। साथ ही नुकसान के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव भी भेजे।
इससे पूर्व सीएम ने शनिवार शाम को चंपावत जिले के कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर-बनबसा के अलावा गुमदेश, तल्लादेश सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों के नुकसान का हवाई सर्वे किया गया। डीएम नवनीत पांडे ने आपदा राहत और बचाव के लिए किए गए उपायों की जानकारी दी। बैठक में लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, भाजपा जिला महामंत्री मुकेश कलखुडिय़ा, प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, पूर्व दर्जा मंत्री शिवराज कठायत, वरिष्ठ नेता रोहिताश अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवाड़, शंकर लाल वर्मा के अलावा पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चंद्र कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, टनकपुर के उप जिलाधिकारी आकाश जोशी, पुलिस क्षेत्राधिकारी शिवराज सिंह राणा, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, लोनिवि के अधिशासी अभियंता एलएम पलडिय़ा, एई एलएस सामंत, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विलाल यूनुस, ऊर्जा निगम के ईई विजय सकारिया, ग्रामीण निर्माण विभाग के ईई बीएम आर्या, जिला सूचना अधिकारी गिरिजा शंकर जोशी सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे।
11 सितंबर से 13 सितंबर तक हुई मूसलाधार बारिश में चंपावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक में 3 लोगों (मटियानी में 1 महिला व 1 बच्चा और ढरोज में 1 महिला) की मौत हो चुकी है। इसके अलावा तल्लादेश के रमैला ग्राम पंचायत का एक व्यक्ति लापता भी है। इसके अलावा विभिन्न विभागों की कई करोड़ की दो हजार से अधिक सरकारी योजनाओं का नुकसान भी हुआ है।