CM ने आज लैंसडौन में फौजियों संग मनाई दिवाली…कल बनबसा में पूर्व फौजियों के साथ मनाएंगे प्रकाश पर्व


सीमा पर सेना के सुरक्षा कवच से रोशन होते हैं दीपावली के दीपकः CM धामी, WAR MEMORIAL पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

देवभूमि टुडे
चंपावत/बनबसा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज लैंसडौन में सैनिकों के बीच प्रकाश पर्व दिवाली मनाई। वहीं कल 1 नवंबर को CM चंपावत जिले के बनबसा में SSB, BRO, CISF के जवानों के अलावा पूर्व सैनिकों के साथ दिवाली मनाएंगे।
DM नवनीत पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री 1 नवंबर को अपरान्ह 12.15 बजे NHPC हेलीपैड बनबसा पहुंचेंगे। वहां से वे कार से 1 बजे SSB चौकी बनबसा पहुंच दीपावली मिलन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अपरान्ह 2.15 बजे CM कार से SSB चौकी बनबसा से खटीमा के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 अक्टूबर को लैंसडौन छावनी में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने WAR MEMORIAL पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कहा कि सैनिक घर से दूर रहकर देश की हिफाजत करते हैं। ऐसे में उनके बीच आकर दीप पर्व का त्योहार मनाना सौभाग्य की बात है। उन्होंने जवानों, वीर नारियों और बच्चों से भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने सैन्य अफसरों, जवानों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावाली के शुभ अवसर पर आप सबके बीच आकर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। पर्व के दिन अपने परिवार से दूर रहना अपने आप में कर्तव्यनिष्ठा की पराकाष्ठा है। 24 घंटे देश की सीमा पर तैनात जवानों की बदौलत देश और देश के लोग सुरक्षित हैं। CM ने कहा कि उन्हें जवानों के बीच रहकर अपार खुशी हो रही है। आप सभी का उत्साह देखकर उन्हें भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के बलिदानी सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का प्रावधान किया गया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और 200 से भी अधिक सैन्य उपकरण देश में तैयार हो रहे हैं।
ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि राज्य की कई कल्याणकारी योजनाएं सैनिकों के हित को ध्यान में रखते हुए बनी है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया। कार्यक्रम में लैंसडाउन के विधायक महंत दिलीप रावत, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, DM डॉ. आशीष चौहान, SSP लोकेश्वर सिंह, सेना के अधिकारी और जवान मौजूद थे।

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